अंबेडकरनगर जिले के ताराकला गांव निवासी राम सागर दुबे की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई। उनके बेटे शुभम दुबे ने आरोप लगाया है कि अकबरपुर के एक निजी अस्पताल में हर्निया और प्रोस्टेट के ऑपरेशन में डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनके पिता की जान गई। शुभम दुबे के अनुसार उनके पिता राम सागर दुबे मर्चेंट नेवी में कार्यरत थे और प्रोस्टेट व हर्निया की बीमारी से ग्रसित थे। उन्होंने 25 नवंबर 2025 को अकबरपुर के पटेल नगर स्थित अभिनंदन शोभावती अस्पताल में एमएस लेप्रोस्कोपी सर्जन डॉ. विपिन वर्मा से संपर्क किया। डॉ. वर्मा ने उन्हें आश्वासन दिया कि दोनों ऑपरेशन एक साथ किए जा सकते हैं। अगले दिन, 26 नवंबर 2025 को राम सागर दुबे को अस्पताल में भर्ती किया गया और दोपहर करीब 2 बजे उनका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद शाम 6 बजे से उनके हाथ-पैरों में ठंडक और जलन महसूस होने लगी, मुंह सूखने लगा और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। डॉ. विपिन वर्मा ने इन लक्षणों को सामान्य बताया और शारीरिक कमजोरी का कारण बताया। हालांकि, मरीज की सेहत लगातार बिगड़ती रही। रात 9 बजे स्थिति और खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें ऑक्सीजन लगाई गई। 27 नवंबर तक उनकी हालत वैसी ही बनी रही। 28 नवंबर 2025 की रात को डॉक्टर ने पैथोलॉजी जांच करवाई, जिसकी सुबह 4 बजे आई रिपोर्ट में गंभीर संक्रमण (इंफेक्शन) का पता चला। उसी दिन शाम 4 बजे डॉ. विपिन वर्मा ने मरीज को रमा मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर प्रा. लि., आजमगढ़ रेफर कर दिया। आजमगढ़ पहुंचने पर डॉक्टरों ने राम सागर दुबे की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया। लखनऊ में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक के बेटे शुभम दुबे ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर की लापरवाही से उनके पिता की मौत हुई। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने पहले हर्निया और प्रोस्टेट का ऑपरेशन एक साथ कर दिया और जब संक्रमण हो गया तो इसकी जानकारी भी नहीं दी। शुभम दुबे ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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