संभल से हिंदू जागृति मंच का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हरिद्वार में शंकराचार्य राजराजेश्वरश्रम से मिलने पहुंचा। यह प्रतिनिधिमंडल बुधवार सुबह 8बजे रवाना हुआ था। यह मुलाकात जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा श्रीकल्कि कथा के दौरान कल्कि अवतार की तिथि और स्थान को लेकर की गई शास्त्रीय उद्घोषणा के बाद उत्पन्न भ्रम की स्थिति के कारण हुई है। इस उद्घोषणा के बाद हिंदू जागृति मंच और श्रीकल्कि सेना (निष्कलंक दल) ने विरोध शुरू कर दिया है। हिंदू जागृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कल्कि अवतार स्थल को लेकर उत्पन्न भ्रम पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यह स्थिति कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा कल्कि धाम ऐंचौड़ा कम्बोह में कल्कि अवतार होने की बात कहे जाने के बाद बनी है। शर्मा के अनुसार, अब तक धार्मिक ग्रंथों और स्वयं आचार्य प्रमोद कृष्णम के पूर्व बयानों में संभल को ही भगवान कल्कि की अवतार भूमि बताया जाता रहा है। इस नई जानकारी से संभल के निवासियों, कल्कि भक्तों और धर्म प्रेमियों में भ्रम पैदा हो गया है। इस भ्रम को दूर करने के उद्देश्य से हिंदू जागृति मंच के सदस्यों ने हरिद्वार में जगद्गुरु शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम महाराज समेत कई संतों से मुलाकात की। मंच ने अयोध्या, काशी और मथुरा जाकर साध्वी ऋतंभरा जी सहित अन्य प्रमुख साधु-संतों से भी मिलने की योजना बनाई है। अजय शर्मा ने बताया कि उनका उद्देश्य सभी प्रमुख संतों के समक्ष इस समस्या को प्रस्तुत करना है, ताकि संभल को भगवान श्री कल्कि की वास्तविक अवतार भूमि के रूप में स्थापित किया जा सके और किसी भी भ्रम को दूर किया जा सके। उन्होंने अगले एक महीने के भीतर संभल और भगवान कल्कि का गुणगान करने वाले संतों व महामंडलेश्वरों से मिलकर इस समस्या के शीघ्र समाधान का निवेदन करने की बात कही। गौरतलब है कि पारंपरिक रूप से कल्कि जयंती श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाई जाती है। वहीं, जगद्गुरु ने अपनी शास्त्रीय उद्घोषणा में वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी को कल्कि अवतार की तिथि बताया है। संभल में एक प्राचीन श्रीकल्कि मंदिर भी है, और पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम गांव ऐंचौड़ा कम्बोह में श्रीकल्कि धाम का निर्माण करा रहे हैं।
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