हरदोई के शहीद उद्यान स्थित कायाकल्प केन्द्रम् की यज्ञशाला में बुधवार को 5500वां यज्ञ संपन्न हुआ। यह यज्ञ बिना किसी अवकाश के लगातार आयोजित किया गया, जो इसकी एक विशेष उपलब्धि है। इस दौरान प्रातः और सायं होने वाले संध्या-हवन से पूरा परिसर वैदिक मंत्रों की मंगल ध्वनि से गूंज उठा। कायाकल्पकेन्द्रम् के संस्थापक और वरिष्ठ नेचरोपैथ डॉ. राजेश मिश्र ने इस अवसर पर यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यज्ञ को संपूर्ण विश्व की नाभि माना गया है, जिससे वातावरण और सभी जीवों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, ठीक वैसे ही जैसे गर्भस्थ शिशु को नाभि से पोषण मिलता है। डॉ. मिश्र ने बताया कि नियमित यज्ञ से व्यक्ति का तन-मन स्वस्थ रहता है, चित्त प्रसन्न होता है और वह रचनात्मक कार्यों की ओर प्रेरित होता है। उन्होंने अग्नि को देवताओं का मुख बताते हुए कहा कि अग्नि में आहुति देने से देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे मनुष्य को सुख, शांति, संतोष और आनंद की प्राप्ति होती है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने और अपने परिवार के उत्तम स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और सकारात्मक वातावरण के लिए प्रतिदिन यज्ञ करने की परंपरा को अपनाएं। 5500वें यज्ञ में डॉ. अभिषेक पांडेय, डॉ. सरल कुमार, दीपाली, नंद किशोर सागर, शिवकुमार, गोविंद गुप्ता, सोनू सेठ, श्रीओम पांडेय और विवेक त्रिवेदी सहित कई सदस्यों ने आहुतियां समर्पित कीं। इस कार्यक्रम के दौरान श्रद्धा, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का एक अद्भुत वातावरण निर्मित हुआ।
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