हरदोई में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 100 प्रतिशत करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ बैंक और बीमा कर्मियों ने संयुक्त विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन गुरुवार को एलआईसी कार्यालय, आवास विकास परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में पेश किए गए “सबका बीमा सबकी सुरक्षा (बीमा कानूनों का संशोधन) विधेयक 2025” को देशहित, जनहित और राष्ट्रीय आर्थिक सुरक्षा के खिलाफ बताया। कर्मियों का तर्क था कि इस विधेयक के जरिए देश की घरेलू बचत को विदेशी पूंजी के नियंत्रण में लाने की कोशिश की जा रही है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयोजक राकेश पाण्डेय ने कहा कि बीमा क्षेत्र में पहले से ही 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है, जिसका पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में एफडीआई को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इस कदम को आम जनता के हितों के विरुद्ध बताया। एआईआईईए के सचिव विनय पाल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 100 प्रतिशत एफडीआई से विदेशी कंपनियां केवल मुनाफे वाले वर्गों पर ध्यान केंद्रित करेंगी। इससे आम आदमी, मध्यम और निम्न वर्ग की बीमा सुरक्षा प्रभावित होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसका सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों और रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बैंक अधिकारी संगठन एबाक के नेता अनूप सिंह ने चेतावनी दी कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के मौजूदा दौर में घरेलू बचत पर विदेशी नियंत्रण देश की आर्थिक संप्रभुता के लिए घातक साबित हो सकता है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से एफडीआई सीमा को 74 प्रतिशत से आगे न बढ़ाने और विधेयक को वापस लेने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन में पवन मिश्रा, संचित श्रीवास्तव, आशीष शर्मा, अनीता सिंह सहित कई अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
https://ift.tt/yIUNC5G
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply