हरदोई में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारतीय बौद्ध महासभा उत्तर प्रदेश, शाखा हरदोई द्वारा डॉ. अम्बेडकर पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजसेवी, बुद्ध अनुयायी और आमजन उपस्थित रहे। यह आयोजन 6 दिसंबर 2025, शनिवार को हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण और मौन धारण के साथ हुई। वक्ताओं ने डॉ. अम्बेडकर को केवल भारत के संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि समानता, बंधुत्व और मानवाधिकारों का सबसे बड़ा पैरोकार बताया। उनके विचारों ने देश को सामाजिक न्याय की नई दिशा दी। संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि बाबा साहब का जीवन संघर्ष, शिक्षा और जागरूकता का प्रतीक है। उनकी शिक्षाएं—’शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो’—आज भी समाज को दिशा देने वाला प्रकाशस्तंभ हैं, जिन्हें जन-जन तक पहुँचाना समय की आवश्यकता है। कार्यक्रम में इस बात पर भी जोर दिया गया कि यह दिन आत्मचिंतन का अवसर है कि हम बाबा साहब के दिखाए मार्ग पर कितना चल रहे हैं। सामाजिक समरसता, समान अवसर और कानून के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भारतीय बौद्ध महासभा के पदाधिकारियों ने समाज में शिक्षा और जागरूकता अभियान को तेज करने का संकल्प लिया। सभी उपस्थित लोगों ने बाबा साहब के आदर्शों और संविधान की मर्यादा बनाए रखने का प्रण किया।
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