हरदोई में रबी फसल के मौसम से पहले 10 दिवसीय विशेष गौ-संरक्षण अभियान चलाया गया। इस दौरान कुल 916 आवारा गोवंश पकड़े गए, जिनमें 611 ग्रामीण क्षेत्रों से और 305 नगरीय क्षेत्रों से थे। इन सभी गोवंशों को विभिन्न गौशालाओं में सुरक्षित भेजा गया है। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को आवारा पशुओं से होने वाले फसल नुकसान से राहत दिलाना है। जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि किसानों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। आवारा पशु रात में खेतों में घुसकर गेहूं, सरसों और चने जैसी रबी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि पकड़े गए गोवंशों में अधिकतर 10 से 11 महीने के छोटे पशु थे, जिससे संकेत मिलता है कि कुछ किसान नवजात पशुओं को खुले में छोड़ रहे हैं। डॉ. सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में नवजात या युवा गोवंश को सड़कों या खेतों में न छोड़ें। उन्होंने जानकारी दी कि हरदोई जिले में 375 गौशालाएं संचालित हैं, जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक हैं। इन गौशालाओं में वर्तमान में लगभग 80,000 गोवंश संरक्षित हैं और सभी में भोजन, आश्रय तथा देखभाल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसान किसी कारणवश पशुओं को छोड़ना चाहते हैं, तो वे उन्हें अपने निकटतम गौशाला में सुरक्षित रूप से जमा करा सकते हैं। इससे न केवल किसानों की फसलें सुरक्षित रहेंगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं और पशु-उत्पीड़न जैसी घटनाओं में भी कमी आएगी। जिले में चलाए गए इस व्यापक अभियान को राज्य स्तर पर भी सराहा जा रहा है। इसे आगामी फसल सीजन के लिए किसानों को राहत प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम माना जा रहा है।
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