हमीरपुर से बीते 55 दिनों से लापता चल रहे भाजपा नेता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह को शुक्रवार शाम पुलिस ने लखनऊ के दुबग्गा इलाके से बरामद कर लिया। शनिवार को पुलिस ने उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच सीजीएम कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट के आदेश पर प्रीतम सिंह को दो दिनों के लिए एक वृद्धा आश्रम में रखा गया है। इस दौरान पुलिस उनकी निगरानी करेगी। मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को हाईकोर्ट में होगी। कोर्ट के निर्देशानुसार वृद्धा आश्रम में रहते हुए प्रीतम सिंह से उनके अधिवक्ता मुलाकात कर सकेंगे, जबकि परिजन उन्हें केवल दूर से ही देख पाएंगे। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि प्रीतम सिंह के साथ किसी प्रकार की मारपीट नहीं की जाएगी और हर 24 घंटे में उनका मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। दरअसल, हमीरपुर जिले के राठ कस्बे में प्रीतम सिंह का एक पेट्रोल पंप है। 18 अक्टूबर को पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाने आए कुछ लोगों से उनका विवाद हो गया था, जो मारपीट तक पहुंच गया। इस दौरान गोली चलने की भी बात सामने आई थी। विवाद के बाद राठ कोतवाली पुलिस प्रीतम सिंह को कोतवाली ले गई थी और रातभर बैठाकर रखा था। हालांकि, अगले दिन पुलिस ने उन्हें उनके लाइसेंसी असलहे के साथ बेटे राघवेंद्र के सुपुर्द कर दिया था। पुलिस द्वारा रातभर कोतवाली में बैठाए जाने को प्रीतम सिंह ने अपना अपमान मान लिया और कथित तौर पर पुलिस को सबक सिखाने के लिए खुद के लापता होने की साजिश रच डाली। इसके बाद वह करीब 55 दिनों तक गायब रहे। 28 नवंबर को प्रीतम सिंह के भाई वीर सिंह ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस को प्रीतम सिंह को पेश करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान पुलिस ने पेट्रोल पंप सहित कई स्थानों पर जांच-पड़ताल की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मामले की गंभीरता को देखते हुए हमीरपुर की एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा को भी कोर्ट में पेश होना पड़ा था।
https://ift.tt/ivNmGVc
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply