गोरखपुर के शाहपुर इलाके के घोषीपुरवा में मां-बेटी की हत्या के बाद बीए के छात्र रजत ने घर में रखा नकद और गहने लूट लिया था। रात को अपने घर आया। अपने कमरे में 4.50 लाख रुपये चारो तरफ बिखेर दिया। इसके बाद नोट के ऊपर कूद-कूदकर खूब डांस किया। उसके नाबालिग भांजे ने मोबाइल से वीडियो भी बनाया। इसी वीडियो से हत्या की घटना का पर्दाफाश 13 दिन बाद पुलिस ने किया। इस समय वीडियो की खूब चर्चा हो रही है। भांजा बोला, मामा कहां से लाए इतने पैसे नाबालिग भांजे ने आरोपी रजत से पूछा था कि इतने पैसे कहां से मिले। तब हंसते हुए रजत ने बोला था कि सब अपने हैं। अब खूब ऐश किया जाएगा। पुलिस को जब रजत के मोबाइल में वीडियो मिला। तब रजत को पकड़कर पूछताछ शुरू की गई। रजत ने बताया कि उसके भांजे ने यह वीडियो बनाया था। 23 नवंबर की रात करीब 11:20 बजे रजत ने मां-बेटी के सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या की। 11:40 मिनट पर उसका डांस करते हुए वीडियो बना था। इस बात की अब खूब चर्चा हो रही है। वहीं रजत ने लूट और हत्या की घटना को अपनी गर्लफ्रेंड के पिता के कर्ज को उतारने के लिए अंजाम दी थी। गर्लफ्रेंड को जब पता चला कि रजत को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजवा दिया है। तब वह उसके घर जाकर परिवार को ढांढस बंधाया था। गर्लफ्रेंड बोली रजत को जेल से छुड़ाकर लाएगी। वीडियो से घटना का पर्दाफाश हुआ 23 नवंबर को शाहपुर के घोषीपुरवा इलाके में शांति देवी (75) और उनकी बेटी विमला (55) की हत्या ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया था। शुरुआत में पुलिस के पास कोई ठोस सुराग नहीं था लेकिन धीरे-धीरे परतें खुलीं तो सामने आए तथ्य चौंकाने वाले थे। इस हत्याकांड का पर्दाफाश किसी गवाह या बयान से नहीं बल्कि आरोपी रजत के मोबाइल में कैद एक वीडियो से हुआ। वारदात की रात रजत विमला के घर पहुंचा था। वहां शांति देवी और विमला अकेली थीं। पैसों के लालच में उसने पहले दोनों को शराब पिलाई। इसके बाद दोनों की हत्या की और कमरे में रखी नकदी और जेवरात लूट ली। पहले जानिए क्या था मामला शाहपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुरवा में 23 नवंबर की रात शांति जायसवाल (75) और उनकी बेटी विमला (50) की हथौड़े से कूचकर हत्या कर दी गई थी। शांति देवी के पति की 30 साल पहले मौत हो गई थी। मूलरूप से पीपीगंज की रहने वाली शांति देवी रेलवे कारखाने के सामने चाय की दुकान चलाती थी। शांति की बड़ी बेटी सुशीला शादी के बाद लखनऊ में रहती है। वहीं, विमला ने शादी नहीं की थी। वह रामा फर्नीचर की दुकान पर पिछले 8 साल से काम करती थी। 23 नवंबर (रविवार) की शाम विमला फर्नीचर की दुकान से घर लौटी। लेकिन, सोमवार सुबह से उसका कुछ पता नहीं चला। दुकान मालिक रामानंद ने सुबह 10 बजे कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद रामानंद रात 8 बजे दुकान बंद करके खुद विमला के घर पहुंचा और दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई आवाज न आने पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई, तो मां-बेटी के शव पड़े थे। 13 दिन बाद हत्या का खुलासा किया
पुलिस ने 13 दिन बाद शनिवार को हत्या का खुलासा करते हुए आरोपी रजत (21) को गिरफ्तार कर लिया। वह मां-बेटी के घर से महज 200 मीटर दूर सड़क की दूसरी तरफ आवास विकास कॉलोनी में रहता है। पुलिस के लिए जांच शुरू से ही काफी चुनौती भरी थी। हथौड़ा कपड़े में लिपटा होने से उस पर फिंगरप्रिंट नहीं मिले। घर में जबरन घुसपैठ के निशान नहीं थे, जिससे बाहरी हमलावर की संभावना कमजोर पड़ रही थी। लेकिन, रजत की लोकेशन, मोबाइल पैटर्न और संदिग्ध खर्च सामने आने के बाद जब उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की तो रजत टूट गया। पूरे घटनाक्रम को उसने स्वीकार कर लिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर गलवाए गए सोने के जेवर का हिस्सा भी बरामद किया। रजत के पास से पुलिस ने 16.94 ग्राम की सोने की चेन, 17.94 ग्राम गला सोना, 1 अंगूठी, मोबाइल, 50 हजार रुपए और 1 हथौड़ा बरामद किया है। विमला को बुआ बुलाता था रजत
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया- आवास विकास में रहने वाले रजत के पिता रेलवे में डी क्लास श्रेणी में नौैकरी करते हैं। रजत का शाहपुर की ही एक लड़की से साल- 2019 से अफेयर चल रहा। उसके घर से 200 मीटर दूर शांति देवी और विमला रहती थीं। विमला से जान-पहचान होने के बाद रजत उसे बुआ बोलने लगा था। अक्सर उसके घर आने-जाने लगा था। शांति देवी भी उसे बेटे की तरह की मानती थी। घर पर हमेशा आने-जाने की वजह से ही वह अंदर की हर जानकारी रखता था। रजत पढ़ाई कर रहा था, इसके साथ ही वह छोटे-मोटे काम भी करता था। लेकिन, हमेशा उसे पैसों की कमी से जूझना पड़ता था। विमला के पैसों से ही वह शराब खरीदकर लाता था। फिर उसके साथ घर पर बैठकर पीता भी था। विमला भी रजत के घर आती-जाती थी। अब पढ़िए आरोपी का कबूलनामा रजत ने पुलिस को बताया- मुझे पैसों की काफी जरूरत थी। गर्लफ्रेंड भी पिता के कर्ज की वजह से परेशान रहती थी। मैं विमला के घर पर आता-जाता था। वहां मुझे पता था कि अलमारी में कैश रखा है। विमला भी सोने का महंगा ब्रेसलेट पहनती थी। उस पर मेरी काफी दिनों से नजर थी। कई बार चोरी का प्रयास किया, लेकिन हर बार असफल हुआ। 23 नवंबर को शाहपुर की एक दुकान से मैंने एक बोतल रम खरीदी। सोचा था कि रम पिलाकर विमला के घर से माल साफ कर दूंगा। रात 10 बजे विमला के घर गया। बाहर के कमरे में सोफे पर शांति देवी लेटी थीं। उन्होंने मुझसे हालचाल पूछा। उनसे बात करके सीधे विमला के कमरे में चला गया। विमला ने मेरी मां को कॉल कर पराठे बनवाए थे। मुझे घर में ही छोड़कर वह पराठे लाने मेरे घर गई। रात करीब 10:56 बजे वह मेरे घर से पराठा लेकर लौटी। फिर मैंने उसके लिए एक शराब का पैग बनाया। उसे पीने के बाद भी विमला को नशा नहीं हुआ। सिर पर कई वार किए, वह चिल्ला रही थी
मैं विमला के घर सोच कर गया था कि हर हाल में आज चोरी करके ही जाऊंगा। मेरा शराब वाला प्लान फेल होता दिखने लगा। तब मैंने विमला के कमरे में रखा हथौड़ा उठाया। उसके सिर पर कई वार किए। वह चिल्ला रही थी। जब तक वह शांत नहीं हुई, तब तक हथौड़े से हमला करता रहा। तभी दूसरे कमरे में सोफे पर लेटी शांति देवी कहने लगीं कि क्या हुआ। मुझे लगा कि अगर शांति देवी जिंदा रहीं तो मेरा बचना मुश्किल है। इसलिए विमला को मारने के बाद शांति देवी की भी उसी हथौड़े से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद घर में रखा कैश और जेवर लेकर चुपचाप अपने घर चला गया। दाह संस्कार में शामिल होकर बहाए आंसू
हत्या के बाद रजत अपने घर पर जाकर सो गया। दूसरी दिन बड़े आराम से शहर में इधर-उधर घूमता रहा। गर्लफ्रेंड को जाकर डेढ़ लाख रुपए दिए। अपने पिता को 50 हजार रुपए दिए। गर्लफ्रेंड के लिए डेढ़ लाख का मोबाइल फोन भी खरीदा। साथ ही जेवर को एक दुकान पर जाकर गलवा दिया और उसे अपने पास रख लिया। सोमवार को घर से शांति देवी और उनकी बेटी विमला की लाश मिली। इसके बाद आसपास के लोगों के साथ ही रजत से भी पूछताछ हुई। तब उसने पुलिस से कहा था कि वह बुआ की तरह मानता था। वह भी मुझे बहुत मानती थीं। शांति देवी भी बेटे की तरह मानती थी। यह सब कहकर रजत रोने लगा। बयान नोट कर पुलिस ने उसे घर भेज दिया। इसके बाद लखनऊ से शांति देवी की बड़ी बेटी सुशीला गोरखपुर पहुंची। उन्होंने राजघाट जाकर अपनी मां और बहन का दाह संस्कार किया। इस दौरान भी रजत वहां मौजूद रहा। सुशीला भी लखनऊ से आकर रजत के घर पर ही रुकी थीं। किसी को भी रजत ने जरा भी आभास नहीं होने दिया। 800 कैमरे देखने के बाद दिखा हत्या का आरोपी
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया- 23 नवंबर की हत्या की घटना को खोलने के लिए पुलिस की कई टीमें काम कर रही थीं। 100 से अधिक लोगों से पूछताछ भी की गई थी। लेकिन, कोई कामयाबी नहीं मिल पाई थी। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के करीब 800 सीसीटीवी देखे। 13 दिन तक की जांच पड़ताल के बाद शुक्रवार को एक कैमरे में रजत दिखा। इसके बाद जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तब उसने हत्या की बात स्वीकार की।
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