संभल के ऐंचोड़ा कंबोह स्थित श्रीकल्कि धाम में गुरुवार को विश्व की पहली कल्कि पुराण कथा के दौरान निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने देश, धर्म और राजनीति पर बड़ा बयान दिया। कल्कि धाम में पहुंचे स्वामी गिरी ने कहा कि भारत सनातनियों की भूमि है, यह देश सनातनियों का है और आगे भी सनातनियों का ही रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले सभी धर्मों और समुदायों के लोग सम्मान के पात्र हैं, लेकिन राष्ट्र और धर्म की गरिमा के आगे हर किसी को झुकना पड़ेगा। स्वामी गिरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा- जो नमन करेगा वही यहां रहेगा। राष्ट्र और भगवा के नीचे सभी को झुकना होगा। धाम में उमड़ा जनसैलाब, कथा बन रही राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र
श्रीकल्कि धाम में जारी कल्कि पुराण कथा में दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। कथा स्थल पर दिनभर धार्मिक आयोजनों, साधु-संतों की मौजूदगी और आस्था का माहौल बना रहा। स्वामी कैलाशानंद गिरी के भाषण के बाद लोगों में उत्साह और भी बढ़ गया। धाम प्रबंधन समिति के अनुसार, आने वाले दिनों में कथा में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी, क्योंकि कल्कि अवतार और सनातन से जुड़े विषयों पर जगद्गुरुओं के प्रवचन लगातार राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। अब स्वामी कैलाशानंद गिरी के 4 प्रमुख बयान पढ़िए… जो कल्कि भगवान को स्वीकार करेगा वही संरक्षण में रहेगा
स्वामी कैलाशानंद गिरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय सनातन का समय है और सरल, सहज जीवन के साथ धर्म को आत्मसात करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो कल्कि भगवान को मानेगा, वही उनके संरक्षण में रहेगा। उन्होंने लोगों से अपील की- सनातन धर्म को स्वीकार करें या कम से कम उसकी जय-जयकार करें। यह केवल प्रमोद कृष्णम का धाम नहीं, सभी सनातनियों का धाम है
कल्कि धाम में शिला पूजन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह वही भूमि है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजित किया था। इसी कारण आज यह धाम पूरे विश्व में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा- कल्कि धाम भारतीय परंपराओं को नई ऊर्जा देगा। यह केवल आचार्य प्रमोद कृष्णम का धाम नहीं है, बल्कि पूरे विश्व के सनातनियों का धाम है। स्वामी गिरी ने बताया कि कल्कि महोत्सव को न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के सनातनी देख रहे हैं। सांसद बर्क पर सीधा हमला—“वंदे मातरम् का विरोध क्यों? सनातन की जय-जयकार करें
विपक्षी दलों द्वारा वंदे मातरम् का विरोध किए जाने पर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- भारत सनातनियों का है। यहां रहने वाले सभी का आदर-सत्कार है, लेकिन राष्ट्र और भगवा के आगे सभी को झुकना होगा। आपने वंदे मातरम् का विरोध क्यों किया? जो यहां रहेगा उसे सनातन की जयकार करनी होगी। उन्होंने सांसद जियाउर्रहमान बर्क को संबोधित करते हुए कहा- बर्क साहब, सनातनी बनने की कोशिश करिए। सनातन की जय-जयकार करिए। जब भी दिव्य कार्य शुरू होता है, विघ्न आते हैं… लेकिन धर्म की जीत होती है
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है—भगवान राम हों, श्रीकृष्ण हों या अब कल्कि अवतार—हर दिव्य कार्य के प्रारंभ में विघ्न आते हैं। लेकिन अंत में विजय धर्म की ही होती है। उन्होंने कल्कि धाम विवाद का उदाहरण देते हुए कहा- धाम का मामला अदालत गया। आचार्य प्रमोद कृष्णम वहां से विजय होकर आए। आज उसी विजय का परिणाम है कि विश्वभर के सनातनी यहां जुट रहे हैं।
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