DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

स्मार्ट सिटी का करोड़ों का स्काई वॉक बना शोपीस:दो साल में तीन बार टेंडर, कोई नहीं आया, अब नए साल पर शुरू होने की उम्मीद

बरेली स्मार्ट सिटी के करोड़ों रुपए खर्च कर बनाया गया स्काई वॉक पिछली दो साल से धूल फांक रहा है। यह प्रोजेक्ट लोगों की सुविधा और ट्रैफिक को आसान करने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन आज तक इसे शुरू ही नहीं किया जा सका है। शहर के लोग पूछ रहे हैं कि जब उपयोग ही नहीं होना था, तो इतना बड़ा ढांचा क्यों बनाया गया। स्थानीय लोगों में यह सवाल भी चल रहा है कि स्मार्ट सिटी का फंड आखिर जमीन पर दिख क्यों नहीं रहा। 84 कियोस्क का प्लान, पर खरीदार गायब
पटेल चौक पर बने इस स्काई वॉक में 84 कियोस्क तैयार किए जाने थे। प्लान था कि यहां खाने-पीने से लेकर जरूरी सामान तक की स्टॉल लगेंगी। यह जगह शहर का नया फूड कॉरिडोर बन सकती थी, लेकिन स्मार्ट सिटी को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब कोई भी व्यापारी इसे लेने के लिए आगे ही नहीं आया। दो साल में तीन बार टेंडर निकाला गया, हर बार उम्मीद लगाई गई कि इस बार शायद आवेदन आएंगे, लेकिन नतीजा वही शून्य। क्यों नहीं आए कारोबारी?
व्यापारियों की एक राय यह भी है कि स्काई वॉक की लोकेशन जितनी अच्छी दिखती है, उतनी कमर्शियल नहीं है। कियोस्क तक पहुंचने के लिए लोगों को लिफ्ट और एस्केलेटर का इस्तेमाल करना होगा, लेकिन जब तक प्रोजेक्ट शुरू नहीं होता, यह पता ही नहीं चल सकता कि यहां फुटफॉल कितना होगा। कई कारोबारी कहते हैं कि शहर में पहले से मौजूद मार्केट और फूड स्ट्रीट का दबदबा इतना है कि नई जगह पर निवेश जोखिम भरा लगता है। इसी वजह से अभी तक कोई व्यापारी आगे नहीं आया। स्मार्ट सिटी के सीईओ बोले – नए साल में खुल सकता है
इस पूरे विवाद पर स्मार्ट सिटी के सीईओ संजीव कुमार मौर्य का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि स्काई वॉक को शुरू करने की पूरी तैयारी चल रही है। नए साल में इसे लोगों के लिए खोलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि 84 कियोस्क में खाने-पीने की स्टॉल, स्नैक्स, जूस सेंटर और छोटे फूड आउटलेट खोले जाएंगे। इसके लिए एक नई रणनीति तैयार की जा रही है, ताकि व्यापारी यहां निवेश के लिए आकर्षित हो सकें। 400 मीटर लंबा, लेकिन दो साल से बंद
करीब 400 मीटर लंबे इस स्काई वॉक को शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाके में बनाया गया है। यहां पैदल चलने वालों का बोझ कम करने और ट्रैफिक को सुचारू रखने का लक्ष्य था। स्काई वॉक में लिफ्ट और एस्केलेटर तक लगाए गए हैं, ताकि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को भी आसानी से आने-जाने में सुविधा मिले। लेकिन दो साल में न लिफ्ट चली, न स्काई वॉक पर कदम रखने वाला कोई मिला। लोग बोले – फंड की बर्बादी, जिम्मेदारी तय हो
स्थानीय लोग इस प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी की सबसे बड़ी नाकामी बता रहे हैं। उनका कहना है कि जब उपयोग ही नहीं होना था, तो करोड़ों रुपए क्यों खर्च किए गए। कई लोगों ने मांग की है कि इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी तय हो, ताकि भविष्य में बजट का ऐसा दुरुपयोग न हो। सोशल मीडिया पर तो कई लोग इसे फोटो शूट पॉइंट कहकर तंज कस रहे हैं, क्योंकि असली उपयोग तो अभी तक शुरू ही नहीं हुआ है। अभी भी उम्मीद बाकी
हालांकि स्मार्ट सिटी प्रशासन का दावा है कि अब चीजें सही दिशा में बढ़ रही हैं। नए साल में स्काई वॉक शुरू हो गया तो शहर को एक नया सार्वजनिक स्थल मिलेगा। साथ ही कियोस्क लगने से रोजगार और छोटे व्यापारियों के लिए अवसर भी बढ़ेंगे। फिलहाल शहर के लोग इसी इंतजार में हैं कि जो स्काई वॉक दो साल से सिर्फ देखने की चीज बना हुआ है, वह आखिर कब इस्तेमाल होने लगेगा।


https://ift.tt/CUflZub

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *