गाजियाबाद से अयोध्या तक की स्केटिंग यात्रा पर निकले भाई-बहन नंदिनी और युग का बुलंदशहर में स्वागत किया गया। गौ-सेवक कमल आर्य और विजेंद्र भगत ने पुष्पमालाओं से उनका अभिनंदन किया। मार्ग में भी कई स्थानों पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर उनका उत्साह बढ़ाया। नंदिनी कक्षा 5 में पढ़ती हैं, जबकि उनके बड़े भाई युग कक्षा 6 के छात्र हैं। दोनों भाई-बहन पिछले लगभग एक वर्ष से इनलाइन स्केटिंग का नियमित अभ्यास कर रहे हैं। इसी अभ्यास के आधार पर उन्होंने गाजियाबाद से अयोध्या धाम तक की यह चुनौतीपूर्ण यात्रा शुरू की है। इन बच्चों के पिता मोहित गुर्जर एक गौरक्षक हैं। वे पिछले 15 वर्षों से दिल्ली-एनसीआर और आसपास के जिलों में मृत गोवंश के अंतिम संस्कार और संरक्षण का कार्य कर रहे हैं। यह परिवार सेवा, अनुशासन और सनातन मूल्यों के लिए जाना जाता है। इस स्केटिंग यात्रा का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को यह संदेश देना है कि सादा जीवन, सकारात्मक सोच और माता-पिता के सहयोग से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। यह यात्रा बच्चों और युवाओं को स्वस्थ जीवन-शैली, अनुशासन और आत्मविश्वास के लिए प्रेरित करती है। यह यात्रा आनंदम धाम के पीठाधीश्वर सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज के प्राकट्य दिवस 5 जनवरी के उपलक्ष्य में समर्पित है। नंदिनी और युग ने बताया कि वे स्वयं को गुरुजी का शिष्य मानते हैं और उनके आशीर्वाद से यात्रा की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं। इस यात्रा को संस्कार, स्वास्थ्य, शिक्षा और सनातन चेतना का उदाहरण बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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