मेरठ में हाई कोर्ट बेंच के आंदोलन का असर न सिर्फ शहर में बल्कि सोशल मीडिया पर भी दिखाई दिया। 17 दिसंबर को मेरठ शहर पूरी तरह बंद रहा। स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप, बाजार और दुकानें सभी बंद रहीं। वहीं अधिवक्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन किया और लोगों से सहयोग की अपील की। अधिवक्ताओं ने खुली दुकानों पर जाकर उन्हें बंद करवाया और लोगों से कहा कि कोई भी ऑनलाइन कंपनी जैसे ब्लिंकइट, जेप्टो, जोमाटो आदि का फायदा न उठाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि इनका मार्केट में जोरदार विरोध होगा और उनकी डिलीवरी गाड़ियों के टायर तक पंक्चर कर दिए जाएंगे। मेरठ के लोग पिछले 50 सालों से हाई कोर्ट बेंच की मांग कर रहे हैं, और इन 50 सालों में मेरठ 12वीं बार बंद हुआ है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए मेरठ में हाई कोर्ट बेंच की जरूरत पर रील्स और स्टोरीज़ शेयर कीं। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों ने मिम्स बनाकर कहा कि ‘मेरठ बंद हो या भारत, हमें छुट्टी नहीं मिलती।’ मेरठ के साथ-साथ 22 अन्य जिलों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया। अधिवक्ताओं ने बताया कि 1995 में मेरठ बंद के बाद मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट बेंच के लिए आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है। सिनेमा एसोसिएशन ने भी इस बंद का समर्थन किया और सिनेमा हॉल में पहले दो शो बंद रखे गए। अधिवक्ताओं का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इस बंद के बाद कुछ निर्णय अवश्य निकलेगा।
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