सोनभद्र में 6 साल पहले शादी का झांसा देकर एक युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ बलात्कार करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू, सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया। अदालत ने दोषी सिंटू उर्फ सुरेंद्र कुमार को 10 साल की कठोर कैद और एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अर्थदंड का भुगतान न करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई गई अवधि उसकी सजा में समायोजित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, अर्थदंड की पूरी एक लाख रुपए की राशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जुगैल थाना क्षेत्र के एक गांव की पीड़िता ने 28 फरवरी 2020 को जुगैल थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 17 सितंबर 2019 को सिंटू उर्फ सुरेंद्र कुमार, जो खेवन्धा, थाना जुगैल, जिला सोनभद्र का निवासी है, उसे शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। शिकायत में बताया गया कि आरोपी ने करीब पांच महीने तक पीड़िता के साथ बलात्कार किया। जब पीड़िता ने कोर्ट मैरिज कराने की बात कही, तो आरोपी ने इनकार कर दिया। इस मामले को लेकर पंचायत भी हुई थी, लेकिन आरोपी उसे रखने को तैयार नहीं हुआ और उसे भगा दिया। पीड़िता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने चार्जशीट दाखिल की थी। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना, गवाहों के बयान दर्ज किए और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके बाद सिंटू उर्फ सुरेंद्र कुमार को दोषी पाया गया और उपरोक्त सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।
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