सोनभद्र। नाबालिग बेटे राकेश की कुल्हाड़ी से हत्या करने वाले लल्लू केवट को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में शामिल होगी। यह मामला करीब साढ़े पांच साल पुराना है। 8 अप्रैल 2020 को चोपन थाना क्षेत्र के नौटोलिया कोटा निवासी लल्लू केवट ने अपने 15 वर्षीय बेटे राकेश की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद आरोपी जंगल की ओर भाग गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मृतक की मां अनिता केवट ने 8 अप्रैल 2020 को चोपन थानाध्यक्ष को तहरीर दी थी। उन्होंने बताया कि लल्लू केवट शराब के आदी हैं और घर का अनाज बेच देते हैं। जब वह और उनके बेटे राकेश इसका विरोध करते थे, तो आरोपी उनसे रंजिश रखता था। रात में हमला कर मार दिया था अनिता के अनुसार, घटना वाले दिन सुबह 6 बजे राकेश और उसकी बहन निशा महुआ बीनकर घर आए और सो गए। सुबह 8 बजे निशा ने चिल्लाकर बताया कि पिता ने राकेश की गर्दन कुल्हाड़ी से काट दी है। जब अनिता घर पहुंचीं, तब तक आसपास के लोग इकट्ठा हो चुके थे और लल्लू जंगल की ओर भाग चुका था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। पर्याप्त सबूत मिलने पर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों, गवाहों के बयानों और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद लल्लू केवट को दोषी पाया। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।
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