सुल्तानपुर के पं. रामनरेश त्रिपाठी सभागार के नवीनीकरण कार्य में 1.55 करोड़ रुपये की धांधली का आरोप लगा है। यह कार्य “मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना” के तहत किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि सभागार के जीर्णोद्धार/नवीनीकरण के लिए 1 करोड़ 55 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी। हालांकि, आरोप है कि वास्तविक कार्य स्वीकृत राशि के अनुरूप नहीं हुआ है। संबंधित विभाग ने कम लागत में काम कराकर शेष धनराशि का कथित तौर पर बंदरबांट कर लिया। आरोपकर्ताओं के अनुसार, अधिकारियों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए फर्जी बिल लगाकर संपूर्ण भुगतान करा लिया। इससे शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि का मूल उद्देश्य विफल हो गया है। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि बिलों में दर्शाए गए सामानों को सभागार में स्थापित नहीं किया गया है। शिकायतकर्ताओं ने जिलाधिकारी महोदय से अनुरोध किया है कि नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर और उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, यूनिट-11 अयोध्या के अतिरिक्त किसी अन्य सक्षम एजेंसी से मामले की जांच कराई जाए। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की है। यह शिकायत ओम प्रकाश पांडे, संतोष यादव, सुनील मौर्य, सतीश मिश्रा और अमन चौधरी ने की है। इसकी प्रतियां प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और मंडलायुक्त अयोध्या को भी भेजी गई हैं।
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