सुल्तानपुर में आजाद अधिकार सेना के पदाधिकारियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित एक मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट प्रीति जैन को सौंपा। यह प्रदर्शन पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी के विरोध में था। मांग पत्र में बताया गया है कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को 9-10 दिसंबर की मध्यरात्रि में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोप है कि यह गिरफ्तारी अवैध, असंवैधानिक और मनमाने ढंग से की गई। उन्हें बिना किसी वैध वारंट के लखनऊ से दिल्ली जा रही ट्रेन से जबरन उतारा गया। पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि गिरफ्तारी के बाद ट्रेन और देवरिया न्यायालय परिसर में अमिताभ ठाकुर के साथ मारपीट की गई। उनका चश्मा तोड़ा गया और उन्हें शारीरिक चोटें आईं। वर्तमान में देवरिया जिला कारागार में उनकी निजता और मानवीय गरिमा का उल्लंघन करते हुए अनावश्यक सीसीटीवी निगरानी की जा रही है। अमिताभ ठाकुर ने स्वयं अपनी जान को गंभीर खतरा बताया है। आजाद अधिकार सेना ने इस पूरी कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित बताया है। यह भी आरोप लगाया गया कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन और पर्यवेक्षण में की गई। जिस प्रकरण के आधार पर गिरफ्तारी हुई है, वह लगभग 26 वर्ष पुराना है और उसमें केवल एक कथित लिपिकीय त्रुटि के अतिरिक्त कोई आपराधिक तत्व नहीं है। संबंधित प्लॉट पहले ही विभाग को विधिवत सरेंडर किया जा चुका था। संगठन ने मांग की है कि अमिताभ ठाकुर को तत्काल और बिना शर्त रिहा किया जाए। अवैध गिरफ्तारी, मारपीट और अमानवीय व्यवहार में शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ कठोर विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाए। पूरे प्रकरण की स्वतंत्र, निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। इसके अतिरिक्त, अमिताभ ठाकुर की जान की सुरक्षा, मानवीय गरिमा और निजता सुनिश्चित करने की मांग की गई है। कारागार में की जा रही अनावश्यक सीसीटीवी निगरानी को तत्काल समाप्त करने की भी अपील की गई है। राष्ट्रपति से संविधान के संरक्षक के रूप में इस गंभीर अन्याय, दमन और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करने का विनम्र अनुरोध किया गया है।
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