सुल्तानपुर शहर के गोलाघाट स्थित हिंदुस्तान मेडिकल एजेंसी के खिलाफ नगर कोतवाली में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम-1940 की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एजेंसी की प्रोपराइटर श्वेता कुमारी और उनके पति सुनील पांडेय को नामजद किया गया है। जांच में सामने आया है कि एजेंसी ने लगभग 6 लाख रुपए मूल्य की नशीली कैप्सूल और कोडीनयुक्त कफ सिरप की करीब 34 हजार शीशियां बेचीं। इन दवाओं की बिक्री से संबंधित सभी बिल फर्जी पाए गए हैं। इससे पहले, दीपावली के दौरान गंदानाला मार्ग स्थित विनोद फार्मा के मालिक विनोद अग्रहरि के गोदाम से ड्रग इंस्पेक्टरों ने प्रतिबंधित ‘फेंसीपिक’ दवा बरामद की थी, जिस पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था। ‘फेंसीपिक’ एक प्रकार का कफ सिरप ब्रांड है, जिसे आमतौर पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए अवैध रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कोडीन और ट्रिप्रोलिडाइन जैसे सक्रिय तत्व होते हैं। कोडीन एक नारकोटिक कफ सप्रेसेंट है जो खांसी को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के हिस्से की गतिविधि को कम करता है। यह दवा नाबालिगों के लिए अनुशंसित नहीं है क्योंकि इससे सांस लेने में गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं। वहीं, पड़ोसी जिले जौनपुर में भी 18.90 लाख कोडीनयुक्त फेंसेडिल कफ सिरप की अवैध तस्करी का मामला सामने आया है, जिसकी अनुमानित कीमत 42.45 करोड़ रुपए है। वहां भी फर्म का लाइसेंस रद्द करने और एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। सुल्तानपुर के इन मामलों के तार जौनपुर से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।
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