सुल्तानपुर के पयागीपुर और अमहट स्थित अवैध टैक्सी स्टैंड पर एक वरिष्ठ अधिवक्ता की पिटाई का मामला सामने आया है। आरोप है कि उन्हें दौड़ाकर घसीटा गया और उनकी नकदी भी छीन ली गई। इस घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता समर बहादुर सिंह पर हुए इस हमले से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। आरोप है कि ये अवैध टैक्सी स्टैंड प्राइवेट नंबर की गाड़ियों का व्यावसायिक उपयोग कर सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं। राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी गौ सेवा संघ के प्रदेश प्रभारी सर्वेश कुमार सिंह और प्रदेश महामंत्री जयशंकर दुबे ने इन अवैध टैक्सी स्टैंडों के खिलाफ पहले भी कई बार विरोध दर्ज कराया था। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि, कार्रवाई करने के बजाय, प्रदेश प्रभारी सर्वेश कुमार सिंह को कथित तौर पर एक फर्जी मुकदमे में फंसाने की कोशिश की गई। इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हाल ही में एक महीने का यातायात सप्ताह समाप्त हुआ था, जिसे पुलिस विभाग ने पूरे प्रदेश में सफल बताया था। इसके बावजूद, पयागीपुर और अमहट के इन अवैध टैक्सी स्टैंडों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराया गया। यातायात अधिनियम के अनुसार, प्राइवेट वाहनों का व्यावसायिक उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है। प्रत्येक व्यावसायिक वाहन के लिए फिटनेस, परमिट, बीमा और टैक्स अनिवार्य होता है। बिना पंजीकरण और परमिट के यात्रियों को बैठाना दंडनीय अपराध है। इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, जबकि संबंधित विभाग चुप्पी साधे हुए हैं। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि इन अवैध टैक्सी स्टैंडों को प्रभावशाली व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त है। इसी कारण पुलिस और प्रशासन कार्रवाई करने से हिचक रहे हैं। आम जनता, अधिवक्ता और यात्री प्रतिदिन मनमानी वसूली, विवाद और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। इस बाबत नगर कोतवाल धीरज कुमार ने बताया कि तहरीर मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
https://ift.tt/Mlyq2VO
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply