सर्वोच्च न्यायालय ने 26 जुलाई को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए देशभर के सैनिक बोर्डों में निशुल्क विधिक सहायता केंद्र स्थापित करने का आदेश जारी किया है। यह पहल पूर्व सैनिकों और सेवारत सैनिकों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसी क्रम में, जिला सैनिक बोर्ड मेरठ में विधिक सहायता क्लिनिक का उद्घाटन मुख्य अतिथि अपर जिला जज अचल नारायण सकलानी द्वारा किया गया। यह क्लिनिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नियंत्रण में संचालित हो रहा है, जिसके प्रभारी एडीजे एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रमेश कुशवाहा हैं। इस केंद्र द्वारा पहली बार निशुल्क विधिक सहायता 01 दिसंबर को प्रदान की गई। यह सहायता पूर्व सैनिक गजराज सिंह को दी गई, जिनके पुत्र नाइक अमल कुमार (दिवंगत) की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। उन्हें चल रही जाँच और विधिक प्रक्रिया में सहयोग के लिए निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया गया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (आई0 एन0) राकेश शुक्ला (से.नि.) ने इस पहल को पूर्व सैनिकों एवं सेवारत सैनिकों के हित में अत्यंत सकारात्मक और दूरगामी प्रभाव वाला बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी विधिक सहायता योजनाएं सैन्य समुदाय की वास्तविक समस्याओं के समाधान में मील का पत्थर साबित होंगी और उनके अधिकारों एवं हितों की रक्षा को मजबूती प्रदान करेंगी। इस कार्य को सफल बनाने में कनिष्ठ सहायक श्रीमती माला एवं पैरा विधिक स्वयंसेवक सुनील दत्त का पूर्ण योगदान रहा। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी ने जिलाधिकारी मेरठ, डॉ. वी.के. सिंह का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने मेरठ के पूर्व सैनिक समुदाय को निरंतर सहयोग प्रदान किया है।
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