बलरामपुर जिले में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देने के उद्देश्य से जिला पर्यावरण समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के माननीय सदस्य डॉ. अफ़रोज़ अहमद ने की। इस दौरान जिलाधिकारी श्री विपिन कुमार जैन भी उपस्थित रहे। बैठक में जनपद के पर्यावरणीय संतुलन, नदी संरक्षण, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। विशेष रूप से सुआव नदी के जीर्णोद्धार पर विस्तृत चर्चा की गई। डॉ. अफ़रोज़ अहमद ने सुआव नदी के पुनर्जीवन के लिए समन्वित योजनाएं बनाने और उनके प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। NGT सदस्य ने नदी क्षेत्र में अतिक्रमण रोकने और नदी के प्राकृतिक स्वरूप को बहाल करने के निर्देश भी दिए। इसके अतिरिक्त, बैठक में जिले में प्रदूषण स्तर की निगरानी, औद्योगिक इकाइयों द्वारा पर्यावरणीय मानकों का पालन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, वृक्षारोपण अभियान और भू-जल संरक्षण जैसी परियोजनाओं की समीक्षा की गई। सभी संबंधित विभागों को निर्धारित समयसीमा में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। डॉ. अहमद ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसमें ग्राम पंचायतों, शैक्षणिक संस्थानों और सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गुप्ता, एडीएम वित्त एवं राजस्व ज्योति राय, प्रभारी डीएफओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सुआव नदी के संरक्षण और पर्यावरणीय संवेदनशीलता के इन प्रयासों से जिले में सकारात्मक बदलाव की अपेक्षा है।
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