उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विधानसभा के बाहर सीरप मामले को लेकर सपा के विधायकों द्वारा किए गए हंगामे पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे प्रकरण में समाजवादी पार्टी के लोगों की मिलीभगत सामने आ रही है। दयाशंकर सिंह ने कहा कि सरकार इस मामले में लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। अब तक कई आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। आगे भी जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में शामिल आरोपियों की तस्वीरें सपा के शीर्ष नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जो सपा के कनेक्शन को स्पष्ट करती हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि यह घोटाला लंबे समय से चल रहा होगा, लेकिन योगी सरकार ने इस पर संज्ञान लेकर जांच कराई है। जांच में जो भी लोग दोषी पाए जा रहे हैं। उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है। मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सपा द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार करते हुए दयाशंकर सिंह ने कहा कि एक ओर सपा सरकार पर आरोप लगा रही है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के नेता स्वयं अपनी-अपनी मतदाता सूची को दुरुस्त कराने में जुटे हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक नियमित प्रक्रिया है, जो समय-समय पर होती रहती है। 2003 के बाद करीब 22 वर्षों के अंतराल पर यह प्रक्रिया दोबारा हो रही है। चुनाव आयोग द्वारा यह कार्य पहले भी किया जाता रहा है, यह कोई नई बात नहीं है। दयाशंकर सिंह ने आरोप लगाया कि सपा इसलिए हंगामा कर रही है क्योंकि उन्हें डर है कि फर्जी और एक व्यक्ति के नाम दर्ज कई वोट अब हटाए जाएंगे। मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी मंत्री ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा, “एक नमूना दिल्ली में और एक लखनऊ में”। इस पर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे ऐसे बयानों को लेकर अनावश्यक हंगामा खड़ा कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
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