हरदोई में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर काउंसिल और देश के चर्चित अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह हरदोई पहुंचे, जहां उन्होंने दैनिक भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में एक के बाद एक बड़े बयान दिए। सबसे पहले सीमा हैदर मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “सीमा का मामला आर्टिकल 72 के तहत महामहिम राष्ट्रपति के पास लंबित है। SIR का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, वह SIR से ऊपर है। यह मामला मतदान का नहीं, जीवनदान का है।” उन्होंने स्पष्ट कहा कि “अगर सीमा आतंकी, जासूस या स्पाई है तो उसे डबल फांसी दो। लेकिन यदि वह प्यार के आधार पर आई है, तो उसे भारत में शरण मिलनी ही चाहिए।’’ डॉ. सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार सीमा भारत में है और पाकिस्तान डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में कॉर्पोरेट नहीं कर रहा, फिर भी इससे उनके केस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। “हम उसके लिए दोबारा आवेदन करने जा रहे हैं।” “मैंने बृजभूषण का केस लड़ा, पर उनकी पार्टी पीछे हट गई, WFI पीछे हट गई, उनके 55 कॉलेजों का स्टाफ पीछे हट गया। उनकी सांसद रही पत्नी चुप बैठ गई, उनका विधायक बेटा भी चुप हो गया। पूरा परिवार दवाब में था कि क्या करें, लेकिन मैंने लड़ाई लड़ी और सिर्फ लड़ी नहीं—बल्कि जीती भी।” ये बात उन्होंने पुरुष गठन आयोग की सिफारिश करते हुए उठाई। महिलाओं की तरह पुरुषों के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं किए जाने की मांग की। उन्होंने बुलडोजर राजनीति पर भी खुलकर हमला बोला। बोले- बुलडोजर हमारी संस्कृति नहीं है। भारत में घर बनाने की परंपरा है, तोड़ने की नहीं। कानून में कहीं नहीं लिखा कि पुलिस बिना प्रक्रिया के बुलडोजर चलाए। अगर पुलिस को खुली छूट मिल गई तो वह निरंकुश हो जाएगी। हरदोई में डॉ. ए.पी. सिंह के बयानों ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति और सीमा हैदर प्रकरण में नई हलचल पैदा कर दी है।
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