सीतापुर के हरगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत महादेव अटरा गांव के पास बीते शनिवार को मिले तेंदुए के शव के मामले में मौत की असली वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। रविवार को कराए गए पोस्टमॉर्टम के बाद भी स्थिति साफ न होने पर वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सोमवार शाम को तेंदुए के 10 नमूने जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), बरेली भेज दिए हैं। इन नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तेंदुए के शरीर के अंदरूनी हिस्सों में खून बहने के संकेत मिले थे, लेकिन किसी प्रकार की बाहरी चोट या संघर्ष के निशान नहीं पाए गए। इसी कारण यह तय नहीं हो सका कि तेंदुए की मौत किसी दुर्घटना, आपसी संघर्ष,बीमारी की वजह से हुई है। वन विभाग द्वारा तेंदुए के लिवर, फेफड़े (लंग्स), आंत, मलाशय समेत कुल 10 अंगों के नमूने सुरक्षित कर जांच हेतु बरेली लैब भेजे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन नमूनों की विस्तृत जांच रिपोर्ट लगभग पांच दिनों में प्राप्त हो जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की मौत के पीछे की वास्तविक वजह का खुलासा हो पाएगा। हालांकि वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी प्रथम दृष्टया ठंड के मौसम में बीमारी से मौत की आशंका जता रहे हैं। उनका कहना है कि सर्दी के मौसम में जंगली जानवरों में संक्रमण, फेफड़ों की बीमारी या अन्य प्राकृतिक कारणों से मौत की घटनाएं सामने आती रहती हैं। फिर भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्थिति स्पष्ट न होने के चलते किसी भी नतीजे पर पहुंचना फिलहाल जल्दबाजी होगी। इस संबंध में डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि तेंदुए के शरीर पर किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। ठंड में जानवरों की मौत के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अब बरेली स्थित आईवीआरआई लैब से आने वाली जांच रिपोर्ट के आधार पर ही मौत की असली वजह तय की जाएगी। फिलहाल वन विभाग रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है और पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।
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