सीतापुर में गुरुवार दोपहर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने के निर्णय के विरोध में प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे जनभावनाओं के विपरीत करार दिया। पार्टी का कहना है कि महात्मा गांधी का नाम इस योजना से केवल एक पहचान नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों, मजदूरों और वंचित वर्ग के अधिकार, सम्मान और स्वावलंबन का प्रतीक है। जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष डॉ. ममता वर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यालय से पैदल मार्च शुरू किया गया। सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में भाजपा कार्यालय का घेराव करने के लिए आगे बढ़े। शहर के लालबाग चौराहे के पास स्थानीय पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर कांग्रेसियों को रोक लिया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने कांग्रेसियों को वहीं रोककर भाजपा कार्यालय घेराव की कोशिश को विफल कर दिया, जिसके बाद कार्यकर्ता वापस लौट गए। प्रदर्शन के दौरान डॉ. ममता वर्मा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट हैं और सरकार की नीतियों का मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर रही है और सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को झूठे मामलों में फंसाने का प्रयास किया गया, जो लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। शहर अध्यक्ष शिशिर वाजपेई ने कहा कि आने वाला समय कांग्रेस का है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है। उन्होंने पुलिस प्रशासन के रवैये को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश निषाद, उत्कर्ष अवस्थी, विनीत दीक्षित, संतोष भार्गव, धीरेश कश्यप, प्रदीप सिंह चौहान, राजेश सिंह तोमर, संजय कुमार चोक्ष, रजनीश कुमार मिश्रा, अमर मेहरोत्रा, दीपा वैश्य, कमल रावत, जितेंद्र शुक्ला, रिजवान खान, इमरान अली, शबनम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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