सीतापुर के पिसावा थाना क्षेत्र के भिटौरा गांव स्थित प्रसिद्ध आश्रम को लेकर इन दिनों विवाद गहरा गया है। आश्रम की करीब 250 बीघा जमीन और गद्दी को लेकर संत समाज दो धड़ों में बंट गया है। नाराज संतों ने एसडीएम महोली और पिसावा थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का फैसला किया है। संत समाज के एक दर्जन सदस्य बजरंग मुनि, संतोष दास खाकी की अगुवाई में लखनऊ जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने की तैयारी में हैं। दरअसल, भिटौरा आश्रम के महंत रघुवीर दास महाराज का निधन 10 अक्टूबर को हुआ था। संत समाज का आरोप है कि उनके अंतिम संस्कार में न तो विधि-विधान का पालन किया गया और न ही उनके शिष्यों तथा परंपरागत उत्तराधिकारियों को सूचना दी गई। संतों के अनुसार प्रशासन और पुलिस ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करवाया, जिससे आश्रम की गद्दी और जमीन को लेकर संदेह पैदा हो गया। इसके उपरांत हरियाणा से एक महंत को लाकर आश्रम में बिठा दिया गया है जिसके चलते अब विवाद की स्थिति बन गई है। संतों का कहना है कि आश्रम की 250 बीघा मूल्यवान भूमि पर कुछ लोगों की नजर है और प्रशासन पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगा है। उनका आरोप है कि बाहरी व्यक्ति को अवैध रूप से आश्रम का महंत बनाकर गद्दी पर बैठाने की कोशिश की गई, जबकि यह निर्णय संत समाज की सहमति और परंपरिया व्यवस्था के अनुसार होना चाहिए था। संतों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया और मामले की सही जांच तक नहीं की। संत समाज का यह भी आरोप है कि एसडीएम महोली और पिसावा थाना प्रभारी ने स्थानीय संतों की आपत्तियों को सुने बिना मनमाने तरीके से निर्णय लिया, जिससे आश्रम की परंपरा और संपत्ति पर खतरा पैदा हो गया है। लगातार विरोध के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने पर संतों ने मुख्यमंत्री से सीधे हस्तक्षेप की मांग करने का निर्णय लिया है। संत समाज का कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे व्यापक आंदोलन की ओर बढ़ने को मजबूर होंगे।
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