बलरामपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी ने राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की समीक्षा बैठक के दौरान बड़ी कार्रवाई की है। नेत्र परीक्षण में लापरवाही और बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर 10 अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया है। बुधवार को सीएमओ कार्यालय में आयोजित इस बैठक में डॉ. रस्तोगी ने जिलेभर में चल रहे नेत्र परीक्षण, बच्चों की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग और रेफरल सेवाओं की प्रगति का बारीकी से जायजा लिया। रिपोर्टों के अवलोकन के दौरान यह पाया गया कि 10 नेत्र परीक्षण अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे। अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों में उतरौला ब्लॉक से शैलेश कुमार, ज्ञानेश कुमार; शिवपुरा ब्लॉक से सैय्यद सलीम हुसैन, शैलेश, ज्ञानेश गौतम, आरिफ; बलरामपुर ब्लॉक से विकल्प सिंह; गैंसड़ी ब्लॉक से राम प्रकाश; और गैंडास बुजुर्ग से अनिल कुमार, अनीस फातिमा शामिल हैं। इन सभी का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है। सीएमओ डॉ. रस्तोगी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सीधे तौर पर जनस्वास्थ्य से जुड़े गंभीर अभियान हैं। इनमें किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में अनुशासनहीनता पाए जाने पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सभी नेत्र परीक्षण अधिकारियों को लक्ष्य आधारित कार्ययोजना पर तुरंत गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए। उन्हें स्क्रीनिंग, रिपोर्टिंग, फॉलो-अप और सर्जरी रेफरल की प्रक्रियाओं को तेज करने के साथ ही कम उपलब्धि वाले क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने को भी कहा गया। डॉ. रस्तोगी ने जोर देकर कहा कि मोतियाबिंद, दृष्टिदोष, जन्मजात नेत्र रोग और बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े संवेदनशील मुद्दे समय पर जांच और उपचार से ही नियंत्रित हो सकते हैं। इसलिए, अभियान की प्रगति पर लगातार और कड़ी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि नेत्र परीक्षण अधिकारी आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से अधिकतम लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करें, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रह जाए।
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