औरैया में नेहा दिवाकर के दोनों बेटों को खांसी आई। नेहा ने घर में रखा कफ सिरप पिला दिया। बच्चे सो गए। 4 घंटे बीत गए, लेकिन कोई उठा नहीं। नेहा को चिंता हुई। बेटों को झकझोरा, लेकिन हरकत नहीं की। इसके बाद दोनों को हॉस्पिटल लेकर भागे। एक के बाद एक 3 हॉस्पिटल ने हाथ खड़े कर दिए। सीएचसी पहुंचे। डॉक्टरों ने 20 महीने के बच्चे को मृत बता दिया। 9 महीने वाले की हालत भी खराब बताई और रेफर कर दिया। परिवार सैफई पहुंचा, जैसे-तैसे बच्चे की जान बचाई जा सकी। इस पूरे मामले को एक हफ्ता बीत गया, लेकिन अभी तक बच्चा हॉस्पिटल में ही है। जहां से कफ सिरप लिया था, उस हॉस्पिटल को सील कर दिया। हॉस्पिटल वाले घर पहुंचे और कहा- पैसा ले लो, बयान बदल दो। परिवार नहीं माना। जिस सिरप को पीने से मौत हुई, वह मध्यप्रदेश की एक कंपनी का है। स्वास्थ्य विभाग सिरप की जांच कर रहा है। प्रदेश में इन दिनों कोडीन युक्त कफ सिरप को लेकर गहमागहमी है। लगातार छापेमारी और गिरफ्तारियां हो रहीं। औरैया में क्या कुछ हुआ, एक तरफ से जानते हैं… मुंडन के लिए परिवार गया और मौसी के घर रुका
औरैया जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर पटना गांव है। इसी गांव में राधेश्याम दिवाकर अपने परिवार के साथ रहते हैं। राधेश्याम के 5 बेटे हैं, सभी की शादी हो चुकी है। चौथे नंबर पर सचिन है। मई, 2023 में सचिन की शादी नेहा से हुई थी। दोनों के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा सोहन जो करीब 20 महीने का था। दूसरा बेटे रोहन, जो अभी 9 महीने का है। छोटे बेटे का मुंडन संस्कार होना था। इसके लिए परिवार ने तय किया कि 4 दिसंबर को कराया जाएगा। सचिन अपनी पत्नी और दोनों बच्चों को लेकर कुदरैल पहुंचे। यहां छुरा लगा, इसके बाद ऐरवा कटरा इलाके के दोवामाफी मंदिर में बच्चे का मुंडन संस्कार हुआ। यहीं से कुछ दूरी पर नगला कहारन गांव है। यहीं सचिन की मौसी का घर है। सचिन और नेहा ने तय किया कि आज यहीं रुकेंगे, कल अपने घर वापस जाएंगे। 2004 से पहले सचिन का पूरा परिवार इसी गांव में रहता था, बाद में पटना बेला में बस गए। सिरप पीने के बाद बेटे को होश नहीं रहा
बच्चे के चाचा अंकुश कुमार कहते हैं- 5 दिसंबर की सुबह दोनों बच्चों को थोड़ी खांसी आ रही थी। मेरे मौसेरे भाई ने कुछ दिन पहले गुरु हॉस्पिटल से एक कफ सिरप लिया था। मेरी मौसी ने भाभी को वही दे दिया। भाभी ने बड़े बेटे को 5 एमएल और छोटे बेटे को ढाई एमएल सिरप पिला दिया। इसके कुछ देर बाद दोनों इधर-उधर घूमे, फिर सोने लगे। सुबह 8 बजे सिरप दोनों सो गए। दिन में 12 बज गए, लेकिन दोनों बच्चे उठे ही नहीं। नेहा ने मौसी से कहा तो जवाब मिला, खांसी के सिरप में थोड़ा नशा होता है इसलिए सो रहे हैं। नेहा ने भी मान लिया। लेकिन 1 घंटा और बीत गया, बच्चों में कोई हलचल नहीं हुई। उसने बच्चों को जगाने की कोशिश की, तब भी नहीं उठे। बड़े बेटे को उठाया तो वह खड़ा नहीं हो सका। उसकी गर्दन भी घूम जा रही थी। आंख नहीं खुल रही थीं। छोटे बच्चे के साथ भी यही दिक्कत थी। घर में मौजूद सारे लोग डर गए। 3 हॉस्पिटल ने हाथ खड़े किए, सीएचसी ने मृत बताया
सचिन के बड़े भाई सर्वेश कहते हैं- बच्चों के बीमार होने की सूचना जैसे ही हमें मिली, हम भागकर पहुंचे। दोनों बच्चों को लेकर हम लोग पहले बरौना के हॉस्पिटल में पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर भर्ती नहीं किया। इसके बाद हम लोग कुदरकोट गए, वहां भी डॉक्टरों ने भर्ती नहीं किया। फिर बिधुना में उसी गुरु हॉस्पिटल लेकर गए, वहां भी डॉक्टरों ने भर्ती नहीं किया। इसके बाद हम लोग बच्चों को लेकर सीएचसी लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने देखा तो कहा- बड़े बच्चे ने तो 10 मिनट पहले सांस लेना बंद कर दिया है। उसकी मौत हो चुकी है। बड़े बेटे की मौत की खबर सुनते ही घर का माहौल गमगीन हो गया। बच्चे की मां नेहा रोते-रोते जमीन पर लेट गई। परिवार के लोगों ने जैसे-तैसे उसको संभाला। दूसरे बच्चे को देखने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि इसकी भी हालत खराब है। इसे तुरंत ही इटावा में सैफई मेडिकल कॉलेज लेकर जाइए। यहां कहीं भी भर्ती करने की कोशिश मत करिए। सर्वेश कहते हैं- रोहन की आंखें पीली पड़ गई थीं। उसे उठाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह उठ नहीं रहा था। मुझे सीपीआर के विषय में थोड़ा पता था। इसलिए मैं बिधुना से लेकर सैफई तक उस बच्चे के सीने और पीठ को दबाते हुए गया। कई बार पीछे हाथ से पीटा भी, ताकि वह रोए। हमारी बस इतनी कोशिश थी कि वह किसी भी तरह से सोने नहीं पाए। 2 घंटे बाद हम सैफई पहुंचे। वहां बच्चे का इलाज शुरू हुआ। रात करीब 9 बजे बच्चे को होश आया। सिरप पीने से हमारा एक बच्चा तो चला गया। दूसरा भी चला जाता तो क्या होता? इतना कहने के बाद सर्वेश चुप हो गए। हमारा बच्चा घर पर ठीक, सिरप से मौत हुई
बच्चे की दादी सगुना देवी कहती हैं- हमारे दोनों बच्चे घर पर एकदम ठीक थे। उस दिन भी उन्हें सुबह खांसी आई, तो घर पर रखा सिरप पिला दिया गया। उसी सिरप से यह दिक्कत हुई। जब हम हॉस्पिटल पहुंचे तो मेरी बहू मुझे पकड़कर रोने लगी। मैं भी रो पड़ी। लेकिन तभी मेरी बहन ने कहा- सोहन तो गया, रोहन को बचाओ। तब मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं भागकर रोहन के पास पहुंची। एंबुलेंस बुलाई गई, हम उसमें सवार हो गए। वहां हमारी तबीयत भी खराब हो गई। वो तो अच्छा था कि एंबुलेंस में थोड़ा पानी था, जिसे पीकर मुझे होश आया। सगुना कहती हैं- जिस हिसाब से हमने बच्चों को पाला था, वह तो मैं ही जानती हूं। रातभर जागकर बच्चों को सुलाया, दूध पिलाया। घर के अंदर अपने पास सुलाया। धूप जहां दिखती, वहां खाट ले जाती और मालिश करती थी। आखिर एक सिरप ने मुझसे मेरा लल्ला छीन लिया। हम चाहते हैं कि जो लोग इसमें दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। हॉस्पिटल वाले बोले- पैसा लेकर बयान बदल दो
सिरप पीने से मौत का मामला जैसे ही सामने आया, औरैया जिले का प्रशासन हरकत में आ गया। तुरंत बिधुना के गुरु प्रसाद हॉस्पिटल को सील कर दिया। हालांकि, इस मामले में कोई गिरफ्तारी या फिर मुकदमा नहीं दर्ज हुआ। सचिन के छोटे भाई अंकुश ने कहा- घटना के बाद हमारे घर पर गुरु हॉस्पिटल के 2 लोग आए थे। कहने लगे कि तुम लोग बयान बदल दो, कह दो कि सिरप हमारे यहां से नहीं लिया है। इसके बदले हम पैसा भी दे देंगे। अंकुश ने बताया- हमने तो मना कर दिया। इसके बाद हॉस्पिटल के लोग सैफई मेडिकल कॉलेज में पहुंच गए। वहां ये लोग सचिन भइया से बयान बदलने की ही बात कहने लगे। इनके साथ जो लोग थे, वो चुपके से वीडियो बना रहे थे, ऑडियो भी रिकॉर्ड कर रहे थे। हमारे भइया ने उन्हें रोका। जब सिरप वहीं से लिया गया, उसी सिरप से बच्चे की मौत हुई, तो हम कैसे कह दें कि कहीं और से लिया। मध्यप्रदेश में सिरप बना, मार्केट में MRP से 5 गुना सस्ता मिल रहा
जिस कफ सिरप को पीने से यह घटना हुई, उसका नाम Cofgyn है। ये Phygyn Pharmaceuticals कंपनी का है। यह कंपनी मध्यप्रदेश के इंदौर की है। सिरप इसी साल मार्च महीने में बना था। एक्सपायरी फरवरी, 2027 में थी। इस पर एमआरपी 92 रुपए है। लखनऊ के मेडिकल स्टोर चलाने वाले लोगों से पूछा, लेकिन यह उनके पास नहीं मिला। एक जानकारी यह भी मिली कि इसकी वास्तविक कीमत 20 से 25 रुपए के बीच है। कंपनी के लोग डॉक्टर्स से संपर्क करते हैं। इसके बाद डॉक्टर इसे रिकमंड करते हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने परिवार की लापरवाही को वजह बताया
औरैया डीएम डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी इस पूरे मामले को लेकर जांच के आदेश दिए। ड्रग इंस्पेक्टर ज्योत्सना आनंद और सीएमओ डॉ. सुरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे थे। ज्योत्सना का कहना है- मृतक बच्चे के पिता सचिन ने बताया था कि दवा पिलाने से पहले बच्चे को 2-3 उल्टी हुई थी। खांसी भी आ रही थी। इसके बाद ही उसे ये सिरप पिलाया गया था। सीएमओ सुरेंद्र कुमार का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद ही गुरु प्रसाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था। सिरप को कब्जे में लिया गया है। बाकी बच्चे का पोस्टमॉर्टम होने के बाद उसका बिसरा लखनऊ भेजा गया है। जैसी रिपोर्ट आती है, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने कहा- सिरप से कोई मौत नहीं हुई
इस वक्त यूपी के पूर्वांचल में कफ सिरप को लेकर विवाद चल रहा है। कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी सामने आई है। एसटीएफ ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। 8 दिसंबर को यूपी सरकार की तरफ से एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसी में यूपी पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा के साथ प्रमुख सचिव संजय प्रसाद भी शामिल हुए। संजय प्रसाद ने कहा- यूपी में कफ सिरप से अभी तक कोई मौत नहीं हुई। पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता में SIT बनी है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जो भी इन मामलों में संलिप्त मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ————————- ये खबर भी पढ़ें… STF ने कोडीन सिरप तस्करी में 2 भाइयों को दबोचा, लखनऊ से दिल्ली तक नेटवर्क कोडीन युक्त कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट में यूपी एसटीएफ ने बड़ी गिरफ्तारी की है। एसटीएफ ने आरोपी अभिषेक शर्मा और उसके भाई शुभम को गिरफ्तार कर लिया है। अभिषेक और शुभम मूल रूप से सहारनपुर के रहने वाले हैं। पढ़िए पूरी खबर…
https://ift.tt/mk359nT
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply