रामनगरी अयोध्या के सरयू तट पर स्थित सिद्ध पीठ कंचन भवन में भारत के सर्वांगीण कल्याण के उद्देश्य से दो दिवसीय वैदिक यज्ञ का भव्य आयोजन किया गया। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान के माध्यम से भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने, भारतीय सेना को और अधिक सशक्त करने, आतंकवाद से राष्ट्र की रक्षा, प्रमुख राष्ट्रीय नेतृत्व की कुशलता तथा देश को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने की कामना की जा रही है। वैदिक यज्ञ में देश के विभिन्न प्रांतों से आए वैदिक आचार्यों और विद्वानों द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ आहुतियां दी जा रही हैं। आयोजन को अखिल भारतीय स्वरूप तब मिला जब दक्षिण भारत से आए 250 से अधिक श्रद्धालुओं ने इसमें सहभागिता की। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में निवास कर रहे कई एनआरआई श्रद्धालु भी इस वैदिक अनुष्ठान में सम्मिलित हुए। आयोजकों के अनुसार यज्ञ का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना, आतंकवाद के खतरे से मुक्ति, भारतीय सेना की मजबूती और सर्व समाज के कल्याण हेतु सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है। इस दो दिवसीय वैदिक अनुष्ठान का संयोजन दक्षिण भारत से आए प्रमुख समाजसेवी एवं लमर्क फंडर राजीत कुमार द्वारा किया गया है। उन्हीं की अध्यक्षता में यज्ञ संपन्न हो रहा है। आयोजन को सिद्ध पीठ कंचन भवन के महंत विजय दास का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है, जबकि व्यवस्थापक रवि प्रताप राय के निर्देशन में संपूर्ण व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा रही है। इस अवसर पर जानर्धन गोपाल भास्कर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजन स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चार, भक्ति और राष्ट्र कल्याण की भावना से ओत-प्रोत वातावरण बना हुआ है, जिससे रामनगरी अयोध्या एक बार फिर आध्यात्मिक चेतना के प्रमुख केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है।
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