सिद्धार्थनगर में अचानक बढ़ी ठंड ने जनजीवन को प्रभावित किया है। गुरुवार सुबह जिले का न्यूनतम तापमान गिरकर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे पूरा क्षेत्र घने कोहरे और सर्द हवाओं की चपेट में आ गया। तापमान में इस गिरावट से स्कूल जाने वाले बच्चों, दिहाड़ी मजदूरों, किसानों, बुजुर्गों और पहले से बीमार मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुबह के समय जिले के अधिकांश हिस्सों में दृश्यता (विजिबिलिटी) काफी कम रही। कई ग्रामीण इलाकों में कोहरे की घनी परतें छाई रहीं, जिससे सामान्य जनजीवन के साथ-साथ सड़क परिवहन भी प्रभावित हुआ। बसों और निजी वाहनों की गति धीमी होने से यात्रियों को घंटों देरी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक न्यूनतम तापमान 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है। ठंड का सर्वाधिक प्रभाव छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। सुबह स्कूल जाते समय बच्चों को सर्द हवाओं और कोहरे से विशेष सावधानी बरतनी पड़ रही है। कई स्कूलों से बच्चों के बीमार पड़ने की शिकायतें भी मिली हैं। अभिभावकों ने प्रशासन से सुबह की स्कूल शिफ्ट में अवकाश घोषित करने या समय बदलने की मांग की है, ताकि बच्चे अत्यधिक ठंड के समय बाहर न निकलें। अभिभावकों का कहना है कि अचानक बढ़ी ठंड के कारण खांसी, सर्दी, बुखार और वायरल संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जिले के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जहां पहले ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 700 मरीज आते थे, वहीं ठंड बढ़ने के बाद यह संख्या बढ़कर 1100 से 1200 तक पहुंच गई है। इनमें हृदय रोग, न्यूरो संबंधी समस्या, अस्थमा, निमोनिया और वायरल बुखार से पीड़ित मरीज प्रमुख हैं। डॉक्टरों के अनुसार, ठंड में रक्तचाप बढ़ने, नाड़ी की गति में परिवर्तन और सांस लेने में कठिनाई जैसी शिकायतें तेजी से बढ़ती हैं। अस्थमा और हृदय रोगियों को सुबह-शाम विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
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