सिद्धार्थनगर में किसानों को समय पर और सही मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब जिले में उर्वरक वितरण व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा रहा है। इस पहल के तहत, सभी उर्वरक दुकानों की पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों पर जियो-फेंसिंग तकनीक लागू की जा रही है। यह तकनीक सुनिश्चित करेगी कि दुकानदार अपनी मशीन को निर्धारित दुकान की सीमा से बाहर ले जाकर उर्वरक न बेच सकें। जैसे ही पीओएस मशीन दुकान से 50 से 100 मीटर की निर्धारित सीमा से बाहर जाएगी, उसका नेटवर्क स्वतः कट जाएगा और बिक्री तुरंत बंद हो जाएगी। विभाग के अनुसार, पहले पोर्टेबल पीओएस मशीनों के कारण उर्वरक की कालाबाजारी, तस्करी और अवैध भंडारण को रोकना मुश्किल होता था। किसानों को होगा फायदा अब हर दुकान की सटीक लोकेशन (अक्षांश और देशांतर) सर्वर में दर्ज की जा रही है, जिससे मशीन केवल पंजीकृत स्थान पर ही कार्य कर सकेगी। कृषि विभाग का मानना है कि इस व्यवस्था से कालाबाजारी पर प्रभावी रोक लगेगी और स्टॉक तथा बिक्री की वास्तविक लोकेशन का मिलान करना आसान हो जाएगा। इससे उन किसानों को भी राहत मिलेगी जिन्हें पहले समय पर उर्वरक नहीं मिल पाता था, क्योंकि कई दुकानों से स्टॉक दूसरी जगह खपाया जाता था। नई प्रणाली से यह पूरी तरह बंद हो जाएगा और पारदर्शिता बढ़ेगी। किसानों की शिकायतों के लिए जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय किया गया है। यदि किसी किसान को उर्वरक उपलब्धता में समस्या आती है या दुकानदार अनियमितता करता है, तो वह कंट्रोल रूम नंबर 05544-297271 और 9935260276 पर शिकायत दर्ज करा सकता है। जिले के कृषि अधिकारी मुहम्मद मुजम्मिल ने बताया कि शासन के निर्देश पर जियो-फेंसिंग की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में जिले में उर्वरक से जुड़ी अवैध गतिविधियों में भारी कमी आएगी।
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