कानपुर में डॉ. बद्री नारायण तिवारी द्वारा स्थापित साहित्यिक संस्था ‘मानस संगम’ का 57वाँ वार्षिक समारोह हुआ, जिसमें 10 देशों के हिंदी सेवी व साहित्य प्रेमी नागरिकों ने शिरकत की। साथ ही कानपुर शहर का नाम शिखर पर ले जाने वाले लोगों का सम्मान हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ आचार्य योगेश जी महाराज,श्रीमती राजेश्वरी एवं कविता सिंह व उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत भजनो से हुआ, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा मानस संगम संस्था नहीं आंदोलन है, राम का मर्म भारत का प्राण, इसे संप्रेषित करने में शिवाला परिवार सबसे अग्रणी है। सांसद रमेश अवस्थी ने कहा कि 57 वर्ष की वह भी किसी साहित्यिक धार्मिक संस्था ने पूरी की हो यह बड़ी बात है। कानपुर के लिए तुलसी उपवन और नाना राव पार्क इस संस्था की बड़ी देन है जिसे शहर कभी भुला नहीं सकेगा| ये लोग हुए सम्मानित इस वर्ष मानस संगम साहित्य सम्मान 2025 , राम कथा पर मिथकीय काव्य भजन के लिए डॉ. रमाकांत शर्मा “उदभ्रान्त” जी को दिया गया। सामवेदी गायन शैली ‘ध्रुपद’ की पुनर्स्थापना हेतु पं. विनोद द्विवेदी को मानस संगम कला सम्मान 2025 से नवाज़ा गया। साथ ही न्यायिक प्रक्रिया में हिंदी के प्रोत्साहन हेतु उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपर महाधिवक्ता महेश चंद्र चतुर्वेदी को मानस संगम हिन्दी सम्मान 2025 दिया गया। कथेतर साहित्य सृजन हेतु रिटायर्ड IPS हरीश कुमार को मानस संगम विशिष्ट सम्मान 2025 दिया गया एवं श्रीराम वनगमन स्थलों के भागीरथी अंवेषण हेतु डॉ. राम अवतार शर्मा को एड. सुरेंद्र प्रताप सिंह की स्मृति में दिया जाने वाला मानस संगम तुलसी सम्मान 2025 दिया गया। मानस संगम हिंदी लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पी.पी.एन. डिग्री कॉलेज की दीक्षा शर्मा, द्वितीय पुरस्कार अंकिता यादव को मिला। तृतीय स्थान वी•एस•एस•डी• कॉलेज की आयुषी मौर्या ने हांसिल किया इनको मिला कानपुर गौरव सम्मान प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आई एन बाजपेई, चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. देव शिवहरे, एडवोकेट गौरव निगम, गुरुग्राम वेदांता अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट कानपुरवासी डॉ पंकज बाजपेई, कानपुर के इतिहास वेत्ता अनूप शुक्ला, हास्य अभिनेता अन्नू अवस्थी को कानपुर गौरव सम्मान 2025 दिया गया। उज़्बेकिस्तान के विदेशी मेहमानों का हुआ सम्मान तजाकिस्तान, श्रीलंका, चाड, वियतनाम, सूरीनाम आदि देशों से आए अतिथियों ने हिंदी भाषा व साहित्य एवं संवेदना के विषय में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मानस संगम मोबाइल ऐप एवं वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया साथ ही मानस संगम प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तकों में 50 वर्ष पूर्व की काव्य शैली को प्रस्तुत करती कृति “पंचशर” का विमोचन किया गया। तो वहीं साहित्य सेवी हस्ती नूर इदरीसी की आत्मकथा “नूर-ए-सफर” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में प्रखर श्रीवास्तव ‘मानस संगम’ अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक पत्रिका 2025 का लोकार्पण हुआ तो वहीं कवियों में शबीना अदीब, हेमंत पांडे, कविता तिवारी, व्याख्या मिश्रा, प्रतीक चौहान, अशोक यादव, प्रख्यात मिश्रा ने श्रोताओं को मोहित किया। साथ ही राष्ट्रपति सम्मान पुरुस्कृत पं. विनोद द्विवेदी एवं आयुष द्विवेदी ने अपनी टीम के साथ ध्रुवदमय वन्देमातरम की पेशकश की इस से पूर्व पिछले माह ही ये प्रस्तुति उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी दी थी। पद्म विभूषण पंडित रामकिंकर उपाध्याय के प्रमुख शिष्य कार्यक्रम के अध्यक्ष पं उमाशंकर जी व्यास ने कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में पं बद्रीनारायण तिवारी जी के प्रताप को याद करते हुए कुछ संस्मरण व्यक्त किए। वहीं संरक्षक के रूप में के साथ ही सांसद रमेश अवस्थी मौजूद रहे| कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रदीप दीक्षित एवं मनोज सेंगर ने किया तो वहीं मानस संगम अध्यक्ष मुकुल तिवारी व अभिनव तिवारी ने आए हुए सभी लोगों का स्वागत किया।
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