अमेठी में साइबर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जहां अपराधी विभिन्न योजनाओं के नाम पर लोगों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने इन मामलों में कार्रवाई करते हुए 63 लाख रुपये से अधिक की राशि बरामद की है। धोखेबाज खुद को समाज कल्याण अधिकारी, पेंशन विभाग का निदेशक या अन्य सरकारी अधिकारी बताकर ठगी कर रहे हैं। वे शादी अनुदान, सोलर पंप अनुदान और गर्भवती महिलाओं को राशन या सरकारी सहायता देने का लालच देकर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत भी बिना पंजीकरण के अनुदान का झांसा देकर ठगी के मामले सामने आए हैं। इसके अतिरिक्त, साइबर अपराधी एपीके फाइलें जैसे आरटीओ चालान या वेडिंग कार्ड भेज रहे हैं। इन फाइलों को डाउनलोड करते ही उपयोगकर्ता का पूरा डेटा अपराधियों तक पहुंच जाता है। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं, इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। एएसपी सिंह ने जानकारी दी कि जिले में साइबर धोखाधड़ी के 1400 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनका लगातार निस्तारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति साइबर धोखाधड़ी का शिकार होता है, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। पीड़ित को 24 घंटे के भीतर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
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