संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ‘दोहरे कानून’ का आरोप लगाया है। उन्होंने फिरोजाबाद ग्रामीण के एएसपी अनुज चौधरी को प्रमोशन और कन्नौज यातायात के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद आफाक को लाइन हाजिर किए जाने पर सवाल उठाए हैं। सांसद बर्क ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि एक देश में दो कानून कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक अधिकारी को पदोन्नति मिलती है, जबकि दूसरे को ‘लाइन हाजिर’ कर दिया जाता है। बर्क के अनुसार, फिरोजाबाद ग्रामीण के एएसपी अनुज चौधरी को हनुमान जयंती के जुलूस में पुलिस की वर्दी में हिंदू धार्मिक चिन्हों के साथ हनुमान चालीसा पढ़ने और संभल में मुसलमानों पर कथित तौर पर गोली चलाने के आरोप के बाद ‘इनाम’ के तौर पर पदोन्नति मिली है। वहीं, कन्नौज के यातायात सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद आफाक को एक स्कूल में यातायात जागरूकता कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद (स.) की बेटियों के हक में दी गई शिक्षाओं का जिक्र करने पर ‘लाइन हाजिर’ कर दिया गया। आफाक ने अरब में बेटियों को जिंदा दफन करने और पैगंबर द्वारा उन्हें बचाने का उल्लेख किया था। सांसद बर्क ने इसे ‘मुसलमान होने की गलती’ में मिली सजा बताया। इस मामले का संबंध 1 जनवरी 2025 को संभल पहुंचे कर्नाटक के किष्किंधा रथ से है। 14 दिसंबर 2024 को सांसद बर्क के घर से 200 मीटर दूर स्थित 46 साल से बंद प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुले थे। किष्किंधा रथ वहां पहुंचा था, और इस दौरान एक महंत ने अनुज चौधरी के हाथ में गदा दी थी। इस घटना को लेकर पूर्व रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी शासन में शिकायत दर्ज कराई थी। मोहम्मद आफाक को लाइन हाजिर किए जाने के बाद, सांसद बर्क ने एक बार फिर अनुज चौधरी के वर्दी में गदा लेकर चलने के मामले को उठाया है, जिससे यह मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है।
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