मुजफ्फरनगर में न्यू मैक्स सिटी परियोजना और सहारा भूमि प्रकरण की जांच की मांग ने नया मोड़ ले लिया है। समाजसेवी, फिल्म कलाकार और RTI एक्टिविस्ट विकास बालियान वरिष्ठ भाजपा नेताओं सत्यपाल पाल और संजय अग्रवाल के साथ बुधवार देर रात जिलाधिकारी आवास पहुंचे। टीम ने डीएम के सामने कई गंभीर सवाल और दस्तावेज रखकर उच्च स्तरीय जांच समिति बनाने की मांग उठाई। जिलाधिकारी ने पूरा प्रकरण सुनने के बाद रेरा और सेबी से तथ्य मंगवाने तथा शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया। विकास बालियान द्वारा डीएम को दिए विवरण के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 2013 में सेबी के पास 212.51 एकड़ सहारा भूमि 307 करोड़ रुपये मूल्य पर जमा थी। आरोप है कि 2022–2024 के बीच यह भूमि आनंद सिंह बिष्ट नाम के व्यक्ति द्वारा “ऑथराइज्ड सिग्नेटरी” बनकर लगभग 95 करोड़ में नए खरीदारों को बेच दी गई।विकास का सवाल—“जब सेबी कह रहा है कि सभी Original Title Deeds उसके पास सुरक्षित हैं, तो किसी रजिस्ट्रार ने बैनामा कैसे कर दिया?” सेबी की अनुमति बिना रजिस्ट्री—दाखिल-खारिज भी पूरा RTI एक्टिविस्ट ने बताया कि इस भूमि की बिक्री बिना सेबी की अनुमति और बिना मूल दस्तावेजों के हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न्यू मैक्स दा एड्रेस प्राइवेट लिमिटेड और उसकी शेल कंपनियों द्वारा 2024 में प्लॉट बिक्री की गई, जबकि परियोजना का नक्शा 2025 में स्वीकृत हुआ।उन्होंने बैंकों की रसीदें भी डीएम को दिखाईं, जिनसे प्रतीत होता है कि कई कंपनियाँ 2024 में ही गठित की गईं और इन्हीं के नाम पर सौदे हुए। कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी नहीं, फिर कैसे हो रजिस्ट्री? विकास बालियान ने बताया कि अभी तक परियोजना को Completion Certificate नहीं मिला है, फिर भी रजिस्ट्री और प्लॉट बिक्री जारी है। उन्होंने कहा कि बिक्री की रकम सेबी-सहारा खाते में जमा नहीं हुई, जबकि यही पैसा निवेशकों को रिफंड के लिए जरूरी है। 5 लाख रुपए प्रति बीघा में हाईवे किनारे जमीन—क्यों इतना कम दाम? विकास ने बताया कि दिल्ली–हरिद्वार हाईवे से सटी जमीन की वास्तविक कीमत 50 लाख से 1 करोड़ प्रति बीघा है, लेकिन इसे मात्र 5 लाख प्रति बीघा में बेच दिया गया।उन्होंने कहा—“कई कंपनियां 2024 में ही बनीं और किसी ने भी 5 हेक्टेयर से अधिक भूमि नहीं खरीदी, ताकि सीलिंग एक्ट लागू न हो सके।” जांच की मांग को मिल रहा व्यापक समर्थन लगभग एक वर्ष से इस मामले को उठा रहे विकास बालियान को अब राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है। राष्ट्रीय गुर्जर समाज के अध्यक्ष रविंद्र गुर्जर पहले ही निष्पक्ष जांच मांग चुके हैं।अब BJP नेता सत्यपाल पाल, संजय अग्रवाल सहित कई स्थानीय नेता भी जांच के पक्ष में खुलकर सामने आ गए हैं। इससे मामला व्यक्तिगत शिकायत से आगे बढ़कर जनहित का बड़ा मुद्दा बन गया है। विकास बालियान पर दबाव और धमकियों का आरोप विकास ने मीडिया से कहा—“मेरे ऊपर लगातार दबाव, धमकियां और प्रलोभन दिए जा रहे हैं। क्या मुझे अपनी आवाज़ उठाना बंद कर देना चाहिए? यदि मैं गलत हूँ तो सज़ा दी जाए, पर अगर सही हूँ तो जांच क्यों नहीं?”उन्होंने सवाल उठाया कि—“क्या मुजफ्फरनगर में कोई लीगल टीम या लीगल एडवाइजर नहीं है जो इस पर खुलकर राय दे सके?” मामला अब बड़ा विवाद बनकर उभर रहा है न्यू मैक्स सिटी और सहारा भूमि प्रकरण मुजफ्फरनगर का बड़ा विवाद बनता जा रहा है। लगातार बढ़ते राजनीतिक समर्थन और दस्तावेजों के सामने आने से यह मामला आने वाले समय में और गंभीर मोड़ ले सकता है।
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