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सहारनपुर में 200 करोड़ की कोडीन सिरप की तस्करी:एबॉट डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर बांग्लादेश तक नशे का नेटवर्क, 15 हजार बोतलें मिली गायब

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने सहारनपुर को केंद्र बनाकर चल रहे कोडीन सिरप माफिया का काला नेटवर्क उजागर किया है। जांच में सामने आया है कि कोडीन और फेंसेडिल आधारित सिरप की अवैध सप्लाई केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं थी, बल्कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पड़ोसी देश बांग्लादेश तक फैली हुई थी। यह पूरा नेटवर्क अब तक 200 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई कर चुका है। STF ने कुछ दिन पहले सहारनपुर से 4 लोगों (विभोर राणा, विशाल सिंह, बिट्टू कुमार और सचिन कुमार) को गिरफ्तार किया था। टीम ने आरोपियों से 2 पिस्तौल, 10 कारतूस, 4 मोबाइल फोन और बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक दस्तावेज बरामद किए। यही दस्तावेज पूरे रैकेट की देशभर में फैली जड़ों को उजागर करते हैं, जिनके आधार पर STF नेटवर्क के अन्य हिस्सों तक भी कार्रवाई बढ़ाने की तैयारी में है। एबॉट की सुपर-डिस्ट्रीब्यूशनशिप के सहारे बना 200 करोड़ का रैकेट
पूछताछ में विभोर राणा और विशाल सिंह ने बताया, “हमने 2018 में जीआर ट्रेडिंग फर्म के माध्यम से एबॉट कंपनी से सुपर-डिस्ट्रीब्यूशन शिप ली थी, इसके बाद फर्जी फर्में और नकली ड्रग लाइसेंस तैयार कराए, कागजों में माल रिटेलरों को सप्लाई दिखाया जाता था, जबकि वास्तविकता में पूरी खेप नशा तस्करों को बेची जाती रही।” STF की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवैध सिरप नेटवर्क के तार बिहार और झारखंड से होते हुए बांग्लादेश तक जुड़े हुए थे। गाजियाबाद में अवैध ट्रक मिलने से खुला पूरा रैकेट
3 नवंबर को गाजियाबाद में कोडीन सिरप से भरा एक अवैध ट्रक पकड़ा गया था। इसी से पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ। जांच आगे बढ़ी तो सुराग वाराणसी और जौनपुर तक पहुंचे। पता चला कि जौनपुर के 12 मेडिकल स्टोर मालिक फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाकर करोड़ों की अवैध कमाई कर रहे थे। इसी जांच में वाराणसी के शुभम जायसवाल और उनके पिता भोला जायसवाल का नाम सामने आया। जांच गहराई तो मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल दुबई भाग गया। आरोपी अमित टाटा ने स्वीकार किया कि उसने इस नेटवर्क में 5 लाख रुपए लगाए थे और 20-22 लाख रुपए तक कमा लिए, जबकि पूरे गिरोह का सालाना अवैध कारोबार 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा था। सहारनपुर में 15,450 बोतलें गायब मिली
सहारनपुर से कोडीन सिरप रैकेट का सबसे बड़ा खुलासा सामने आया है। औषधि विभाग की छापेमारी में मेसर्स वी.एस. फार्मा के पंकज शर्मा पर 15,450 कोडीन युक्त सिरप बोतलों के गबन का आरोप लगा है। गाजियाबाद की कैंडीज लाइफसाइंस से खरीदी गई यह पूरी खेप न दुकान में मिली, न घर में, और न ही कोई विक्रय रिकॉर्ड मिला। छापेमारी के दौरान दुकान बंद मिली और वहां किसी भी तरह की भंडारण व्यवस्था भी नहीं थी। पंकज शर्मा ने फोन पर सिरप खरीदने की बात तो मानी, लेकिन एक भी दस्तावेज देने से साफ इनकार कर दिया। उनके पिता राजेश शर्मा ने स्वीकार किया कि लाइसेंस घर के सामने बने कमरे से लिया गया था, लेकिन उस कमरे में भी एक भी दवा नहीं मिली। औषधि निरीक्षक राघवेन्द्र सिंह ने बताया-यह मामला साफ तौर पर नशे की सप्लाई के लिए पूरी खेप गायब करने जैसा है। इसी आधार पर थाना बेहट में भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं 210, 318(4), 338, 336(3) और 340(2) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने दावा किया कि कई सीनियर अधिकारी और सुपर-डिस्ट्रीब्यूटर भी इस नेटवर्क में शामिल थे। STF अब दुबई फरार मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल की तलाश तेज कर चुकी है और पूरे रैकेट को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। सहारनपुर बना नशे का गढ़?
लगातार गिरफ्तारियां और छापेमारियों इस बात की ओर संकेत करती हैं कि सहारनपुर लंबे समय से कोडीन माफिया का बड़ा ठिकाना बना हुआ था। पंकज शर्मा के मामले में 15,450 बोतलों की पूरी खेप का गायब मिलना साफ दिखाता है कि यहां का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े नशा गिरोहों में शामिल है। युवाओं के लिए मौत का सौदा बना कोडीन सिरप
विशेषज्ञों के मुताबिक, कोडीन दिमाग पर तेज़ असर डालता है, जिससे नशे जैसा एहसास होता है। इसे कोल्ड ड्रिंक या चाय में मिलाकर पीने का ट्रेंड तेज़ी से बढ़ रहा है। ज्यादा मात्रा में लेने पर सांस रुकने, बेहोशी, किडनी और लीवर फेल होने तक का खतरा रहता है। इसके सेवन की आदत पड़ जाने पर अचानक बंद करने से मानसिक अस्थिरता, घबराहट और डिप्रेशन की स्थिति भी पैदा हो सकती है। ———— ये भी पढ़ें- झांसी में वोटर लिस्ट में अमिताभ बच्चन का नाम:मकान नंबर-54, 2003 में मतदान किया; पड़ोसी बोले- सिर्फ फिल्मों में देखा यूपी में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) चल रहा है। इस दौरान झांसी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां वोटर लिस्ट में फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन का नाम मिला है। पिता का नाम हरिवंशराय बच्चन दर्ज है। घर का नंबर-54 लिखा है। पढ़िए पूरी खबर…


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