सहारनपुर में शीतलहर और कड़ाके की ठंड के मद्देनजर प्रशासन ने गोआश्रय स्थलों में गौवंश के संरक्षण और सुरक्षा के लिए कमर कस ली है। सोमवार शाम डीएम मनीष बंसल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के नवीन सभागार में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें गौशालाओं में ठंड से बचाव के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने बैठक में स्पष्ट किया कि किसी भी गोआश्रय स्थल पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी गौशालाओं में पर्याप्त रोशनी, नियमित साफ-सफाई, हरा व सूखा चारा, स्वच्छ पेयजल, तिरपाल, बोरे और हीटर या अलाव की समुचित व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए। विशेष रूप से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि गौवंश को पहनाए जाने वाले बोरे पूरी तरह सूखे हों। डीएम ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सप्ताह में कम से कम एक गोशाला का निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके अतिरिक्त, जिला पूर्ति अधिकारी को तत्काल विकासखंड स्तर पर पर्याप्त संख्या में बोरे उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया, ताकि ठंड से बचाव की व्यवस्था में कोई कमी न रहे। बैठक में यह भी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि किसी भी गौशाला में हरे और सूखे चारे की कमी न हो। ठंड के प्रकोप के मद्देनजर हीटर या अलाव के माध्यम से पर्याप्त हीटिंग व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए। सहभागिता योजना के तहत चल रहे सत्यापन कार्य को शीघ्र पूरा कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को भी कहा गया। इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया कि कब्जामुक्त कराई गई चरागाह भूमि का विस्तृत ब्यौरा तैयार किया जाए। फरवरी माह में विशेष अभियान चलाकर इस भूमि पर नेपियर घास की बुवाई की जाएगी, जिससे भविष्य में चारे की समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा। समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विनोद कुमार मीणा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एम.पी. सिंह, पीडीडीआरडीए प्रणय कृष्ण सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशासन ने दोहराया कि गौवंश की सुरक्षा और देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
https://ift.tt/mBs3NTn
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply