सहारनपुर में विकास के नाम पर उद्यमियों को परेशान किए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। लघु उद्योग भारती ने सहारनपुर विकास प्राधिकरण (एसडीए) पर सीधे-सीधे उत्पीड़न, दबाव बनाने और चुनिंदा उद्यमियों को निशाना बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि यदि ये सिलसिला नहीं रुका तो आंदोलन तय है। मंगलवार को कोर्ट रोड स्थित लघु उद्योग भारती के कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में संगठन के मेरठ प्रांत पदाधिकारी अनुपम गुप्ता ने एसडीए की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा-विकास प्राधिकरण के अधिकारी बिना किसी ठोस प्रमाण के औद्योगिक इकाइयों को नोटिस जारी कर रहे हैं और उद्यमियों को अनावश्यक रूप से डराया जा रहा है। अनुपम गुप्ता ने इसे अनुचित, दुर्भाग्यपूर्ण और उद्योग विरोधी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि संगठन के संरक्षक और वरिष्ठ उद्योगपति राकेश बिंदल को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। गुप्ता के अनुसार, एसडीए ने बिंदल की फैक्ट्री को 15 दिन पहले निर्मित बताते हुए नोटिस जारी किया है, जबकि फैक्ट्री का नक्शा पहले से ही स्वीकृत है और निर्माण पूरी तरह वैध है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब नक्शा पास है तो निर्माण को अवैध बताने का आधार क्या है? अनुपम गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीए चिलकाना क्षेत्र में कॉलोनी विकसित करने की योजना के तहत बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण कर रहा है। इसी क्रम में राकेश बिंदल की लगभग डेढ़ बीघा भूमि को भी अधिग्रहित करने का प्रयास किया गया। बिंदल ने अपनी जमीन वर्तमान बाजार मूल्य पर देने की पेशकश की थी, लेकिन प्राधिकरण ने उस दर को मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद से उनकी औद्योगिक इकाई को लगातार निशाना बनाया जा रहा है, जो पूरे मामले को संदेह के घेरे में खड़ा करता है। संगठन का कहना है कि जब इस पूरे मामले में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने यह कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया कि नोटिस किसी अन्य के निर्देश पर भेजे गए हैं। वहीं, मंडल आयुक्त के समक्ष सभी संबंधित कागजात प्रस्तुत किए जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अनुपम गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में निवेश और उद्योगों के लिए भयमुक्त वातावरण की बात करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ अधिकारी ठीक इसके उलट काम कर रहे हैं। इससे उद्योग जगत में असुरक्षा, आक्रोश और असंतोष का माहौल बनता जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि लघु उद्योग भारती को विकास कार्यों के लिए जमीन अधिग्रहण से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन दबाव, प्रताड़ना और कथित गुंडागर्दी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि उद्यमियों का उत्पीड़न नहीं रुका तो संगठन सड़क से लेकर शासन तक आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। इस दौरान जिला अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, मुकेश शर्मा, घनश्याम माहेश्वरी, शौर्य जैन, संजय कपूर और इंजीनियर अजय शर्मा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। संगठन ने साफ संकेत दिए हैं कि यह लड़ाई अब चुपचाप नहीं लड़ी जाएगी। वहीं, एसडीएम संतोष राय का कहना है कि शिकायत के आधार पर जांच करने टीम पहुंची थी। अवैध रूप से फैक्ट्री बनी हुई है। जो वे आरोप लगा रहे हैं, वो आरोप निराधार है।
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