सहारनपुर कोर्ट ने चौकीदार की हत्या के मामले में एक अभियुक्त को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 9 साल पहले चौकीदार की खून से लथपथ लाश बरामदे में पड़ी मिली थी। अपर सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय द्वितीय की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर ये सजा सुनाई है। एडीजीसी मैनपाल ने बताया कि थाना सिटी कोतवाली के गढ़ी मलूक में 28/29 मार्च 2015 की रात गढ़ी मलुक कब्रिस्तान में तैनात चौकीदार सईद अहमद की फावड़ा मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। सईद अहमद पिछले करीब 34 सालों से कब्रिस्तान की चौकीदारी कर रहे थे और वहीं बने एक कमरे में रहते थे। सुबह जब लोगों ने उनका शव कब्रिस्तान के बरामदे में खून से लथपथ हालत में पड़ा देखा, तो इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की सूचना पर मृतक के चचेरे भाई मौलाना याकूब ने थाना कोतवाली नगर में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ तहरीर दी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू की। पुलिस विवेचना के दौरान घटनास्थल से खून से सना फावड़ा, खून आलूदा और सादी मिट्टी, कपड़े समेत कई अहम साक्ष्य बरामद किए गए। फोरेंसिक जांच, गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने सद्दाम उर्फ साजिद को अरेस्ट किया ओर हत्या का आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। 16 सितंबर 2015 को अभियुक्त पर आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोप तय किए गए। लंबे समय तक चले ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 10 गवाह पेश किए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आया कि सईद अहमद की मौत सिर पर गंभीर वार लगने से हुई थी, जो फावड़े से किया गया था। एडीजीसी मैनपाल ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय द्वितीय कमल दीप ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाही के आधार पर अभियुक्त सद्दाम उर्फ साजिद को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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