सहारनपुर में 25 दिसंबर यानी क्रिसमस-डे को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी और पूर्व बौद्धिक प्रमुख कपिल मोहड़ा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने डीएम को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को जिले के स्कूलों में क्रिसमस-डे के बजाय बाल गौरव एवं सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाए। संगठन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि स्कूलों में क्रिसमस डे से जुड़े आयोजन किए गए तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा-हमारा देश अब अंग्रेजों की गुलामी से निकल चुका है। फिर इस देश को गुलाम बनाना चाहते हो क्या? पूर्व प्रांत संयोजक विकास त्यागी ने कहा-25 दिसंबर भारत के इतिहास का अत्यंत गौरवशाली दिन है। इसी दिन महान शिक्षाविद् महामना मदन मोहन मालवीय और भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। बजरंग दल का कहना है कि इन महापुरुषों का जीवन बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा का अटूट स्रोत है, लेकिन स्कूलों में पश्चिमी संस्कृति को बढ़ावा देते हुए इस दिन को केवल क्रिसमस-डे के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय मूल्यों के खिलाफ है। संगठन ने मांग की कि जिले के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों में 25 दिसंबर को बाल गौरव एवं सुशासन दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। बच्चों को महामना मालवीय के शैक्षिक योगदान और अटल बिहारी वाजपेयी के राष्ट्र प्रथम के संकल्प के बारे में बताया जाए। इसके साथ ही अटल जी की कविताओं का पाठ, भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं कराई जाएं तथा शिक्षा, खेल और समाज सेवा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया जाए। ज्ञापन में कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है, ऐसे में 25 दिसंबर को ही बच्चों को भारतीय संस्कारों और वीर साहिबजादों के साहस की भूमिका से परिचित कराया जाना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में पूर्व महानगर संयोजक सागर पंडित, सानू, सुमित, मयंक, शुभम, यश, संकी, कमल, शिवा त्यागी और अतीश समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
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