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सहारनपुर में कोडीन सिरप मामले में दो भाइयों को जमानत:हाईकोर्ट ने दी सशर्त अंतरिम जमानत, 5 जनवरी 2026 तक राहत

कोडीन सिरप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहारनपुर के रहने वाले दो भाइयों विभोर राणा और विशाल सिंह को सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता जांच में पूरा सहयोग करेंगे और जब भी जांच अधिकारी को उनकी आवश्यकता होगी, वे उपस्थित रहेंगे। हाईकोर्ट ने दोनों को 5 जनवरी 2026 तक अंतरिम जमानत दी है और इसी तारीख को मामले की अगली सुनवाई तय की है। जस्टिस करुणेश सिंह पवार की सिंगल बेंच ने विभोर राणा और विशाल सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। पढ़िए…पूरा मामला 8 अप्रैल 2024 को लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में औषधि विभाग के इंस्पेक्टर संदेश मौर्य ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि फेंसिडल कफ सिरप और अन्य दवाओं का अवैध भंडारण किया जा रहा था और नशे के रूप में इनके इस्तेमाल के लिए बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक तस्करी की जा रही थी। यूपी एसटीएफ ने 12 फरवरी 2024 को सूचना के आधार पर छापा मारकर एक ट्रक से भारी मात्रा में कोडीन युक्त कफ सिरप बरामद किया था। इसके बाद यह एफआईआर दर्ज हुई और जांच आगे बढ़ने पर एक बड़े नेटवर्क के सामने आने की बात कही गई। सहारनपुर से राणा बंधुओं की हुई थी गिरफ्तारी जांच के दौरान सहारनपुर निवासी विभोर राणा और विशाल सिंह को इस मामले में 11 नवंबर को गिरफ्तार किया था। 6 दिसंबर 2025 को लखनऊ की निचली अदालत से दोनों भाइयों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जमानत याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निपुण सिंह के साथ अधिवक्ता नमन अग्रवाल, प्रियांशु शुक्ला, अभिनव श्रीवास्तव और अनुज दयाल ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि सह-आरोपियों ने अलग-अलग नामों से फर्जी फर्में बनाईं। इन फर्मों के बैंक लेन-देन आरोपी विभोर राणा और विशाल राणा (विशाल सिंह) ने अपने सहयोगियों और कर्मचारियों की बैंक आईडी व पासवर्ड का इस्तेमाल कर किए। इससे फेंसिडल कफ सिरप की अवैध बिक्री को बढ़ावा मिला। जांच के दौरान मारुति मेडिकोज से जुड़े लेन-देन की पड़ताल में ये भी सामने आया कि ओम मेडिकोज, अभि फार्मा, आशु मेडिकोज और विभोर की जीआर ट्रेडिंग के साथ संदिग्ध लेन-देन हुए थे। आरोप है कि फेंसिडल कफ सिरप की अवैध खरीद-बिक्री को फर्जी फर्मों के माध्यम से दिखाया गया और इसी नेटवर्क के जरिए तस्करी की गई। हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि दोनों आरोपी जांच में सहयोग करेंगे और जांच एजेंसी द्वारा बुलाए जाने पर उपलब्ध रहेंगे। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को होगी।


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