सहारनपुर में थाना नागल इलाके में कॉलेज बंक कर छिपकर मिलने का फैसला एक प्रेमी जोड़े को ऐसा भारी पड़ा कि बात सीधे शादी तक पहुंच गई। गांव की पंचायत ने प्रेम प्रसंग सामने आते ही दोनों परिवारों को बुलाया और सजातीय होने के आधार पर युवक-युवती का रिश्ता तय कर दिया। पंचायत के फैसले के बाद मौके पर ही शगुन का लेनदेन कराया गया और यह तय हुआ कि कुछ दिनों बाद दोनों की शादी सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ कर दी जाएगी। इस अनोखी घटना की चर्चा पूरे क्षेत्र में दिनभर होती रही। जानकारी के मुताबिक, देवबंद क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला युवक और नागल थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। पढ़ाई के दौरान दोनों के बीच दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम प्रसंग में बदल गई। दोनों काफी समय से एक-दूसरे के संपर्क में थे, लेकिन परिवारों को इसकी जानकारी नहीं थी। बीते मंगलवार को दोनों ने कॉलेज जाने के बजाय साथ घूमने का कार्यक्रम बना लिया। सुबह घर से कॉलेज के लिए निकले युवक-युवती कॉलेज बंक कर कहीं बाहर चले गए। इसी दौरान युवती के घर न लौटने पर परिजन परेशान हो गए और उसकी तलाश शुरू कर दी गई। शाम के समय युवक युवती को उसके गांव छोड़ने पहुंचा। गांव के कुछ लोगों ने दोनों को साथ देखा तो शक हुआ। पूछताछ करने पर मामला प्रेम प्रसंग का निकला। इसके बाद ग्रामीणों ने युवक को पकड़ लिया। आरोप है कि इस दौरान युवक से सख्ती से पूछताछ भी की गई। सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने युवक के परिजनों को भी मौके पर बुला लिया। दोनों पक्षों के आने के बाद गांव में पंचायत बैठाई गई, जिसमें गांव के बुजुर्ग और जिम्मेदार लोग शामिल हुए। पंचायत के दौरान दोनों परिवारों से बातचीत की गई। सामने आया कि युवक और युवती दोनों सजातीय हैं। इसी आधार पर पंचायत ने प्रेम प्रसंग को सामाजिक दायरे में लाने का फैसला लिया। पंचायत ने कहा कि जब दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं और जाति भी एक है, तो रिश्ते को शादी में बदल देना ही बेहतर है। पंचायत के फैसले पर दोनों परिवारों ने भी सहमति जता दी। इसके बाद मौके पर ही शगुन का लेनदेन कराया गया और दोनों का रिश्ता पक्का कर दिया गया। यह भी तय हुआ कि कुछ ही दिनों बाद शादी की तारीख निकालकर दोनों का विवाह धूमधाम से कराया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि समाज में फैली चर्चाओं और गलत संदेश को रोकना था। वहीं, युवा वर्ग के बीच यह मामला कॉलेज बंक करने की ‘अनोखी सजा’ के तौर पर चर्चा में रहा। युवक के परिजनों का कहना है कि उन्हें पहले इस प्रेम प्रसंग की जानकारी नहीं थी, लेकिन पंचायत में बातचीत के बाद उन्होंने रिश्ते के लिए हामी भर दी। उनका कहना है कि अब जब दोनों की सहमति है और समाज भी तैयार है, तो शादी ही बेहतर विकल्प है। युवती के परिजनों ने भी पंचायत के फैसले को स्वीकार करते हुए कहा कि समाज और परिवार की इज्जत सबसे ऊपर है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शादी की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी।
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