उत्तर प्रदेश सरकार की शून्य सहनशीलता नीति के तहत सहारनपुर पुलिस ने घुसपैठियों और अवैध रूप से रह रहे बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद, जिले में मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि को एक विशेष ‘टॉर्च ऑपरेशन’ चलाया गया। यह अभियान मुख्य रूप से सड़क किनारे बसी झुग्गियों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और अन्य अस्थायी निवास स्थलों पर केंद्रित था, जहां बाहरी लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। पुलिस का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले में कोई भी व्यक्ति बिना वैध पहचान और सत्यापन के न रहे। पिछले कुछ समय से जिले में बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ने के कारण झुग्गी-झोपड़ियों, खाली प्लॉटों और सार्वजनिक स्थानों पर अस्थायी रूप से बसे कई लोगों की पहचान स्पष्ट नहीं थी। खुफिया इनपुट मिलने के बाद प्रशासन ने आशंका व्यक्त की थी कि ऐसे स्थान घुसपैठियों या आपराधिक गतिविधियों में शामिल तत्वों के लिए छिपने का अड्डा बन सकते हैं। इसी संभावित खतरे को देखते हुए पुलिस ने रात के अंधेरे में अचानक चेकिंग अभियान चलाने की रणनीति तैयार की। अभियान के दौरान, देर रात पुलिस टीमों ने टॉर्च की रोशनी में झुग्गी बस्तियों में घर-घर जाकर दस्तक दी। टीमों ने निवासियों के आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण और मोबाइल नंबर सहित सभी दस्तावेजों की गहन जांच की। कई स्थानों पर पुलिस ने परिवारों से उनके यहां आने की तारीख, रोजगार के स्रोत और पूर्व निवास स्थान के बारे में भी विस्तृत पूछताछ की। पुलिस ने एक माह से चल रहे किरायेदार सत्यापन अभियान के बाद अब झुग्गी-झोपड़ियों, फुटपाथ किनारे बसे परिवारों और दिहाड़ी मजदूरों की जांच भी तेज कर दी है।अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी मकान मालिकों और स्थानीय लोगों को बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति की सूचना तत्काल संबंधित थाने पर देनी होगी। अभियान की पहली ही रात में कई ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया जिन लोगों के कागजात अधूरे थे, उन्हें तत्काल सत्यापन करवाने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में यह अभियान और तेज किया जाएगा।
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