सहारनपुर नगर निगम में पिछले दो वर्षों के दौरान जारी किए गए सभी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों की अब व्यापक जांच की जाएगी। नगरायुक्त शिपू गिरि ने इस संबंध में संशोधित आदेश जारी किए हैं, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अनियमितताओं पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। आदेश के अनुसार, निगम के मुख्य नगर लेखा परीक्षक सच्चिदानंद त्रिपाठी को समस्त आवेदन पत्रावलियों, पंजीकरण रजिस्टरों और संबंधित अभिलेखों की गहन जांच 15 दिनों के भीतर पूरी करने का जिम्मा सौंपा गया है। नगरायुक्त ने बताया कि यह पहल पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और किसी भी अनियमितता पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। उन्होंने जोर दिया कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नागरिकों के लिए अत्यंत आवश्यक दस्तावेज हैं, और इनके निर्गमन में किसी भी प्रकार की देरी, लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रमाण पत्र बनवाने आए लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो। यह जांच आदेश महापौर डॉ. अजय कुमार द्वारा पिछले सप्ताह जन्म-मृत्यु पंजीकरण विभाग के आकस्मिक निरीक्षण के बाद जारी किया गया है। निरीक्षण के दौरान सामने आई विभिन्न कमियों और प्रक्रिया संबंधी मुद्दों को लेकर समाचार पत्रों में रिपोर्टें प्रकाशित हुई थीं, जिसके बाद नगरायुक्त ने जांच समिति का गठन किया था। संशोधित आदेश में तीन सदस्यीय जांच समिति की संरचना भी स्पष्ट की गई है। इस समिति का नेतृत्व अब अपर नगरायुक्त प्रथम करेंगे, जबकि लेखाधिकारी मनोज त्रिपाठी सदस्य/सचिव और कर अधीक्षक सुरेंद्र सिंह सदस्य होंगे। यह समिति निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। पहले मुख्य नगर लेखा परीक्षक सच्चिदानंद त्रिपाठी भी इस समिति का हिस्सा थे, लेकिन अब उन्हें समिति से अलग कर स्वतंत्र रूप से अभिलेखों की जांच का कार्य सौंपा गया है। नगरायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले दो वर्षों में जारी सभी प्रमाण पत्रों से जुड़े दस्तावेजों, जिनमें आवेदन पत्र, सत्यापन प्रक्रिया, पंजीकरण रिकॉर्ड और अन्य संबद्ध अभिलेख शामिल हैं, की क्रमवार और गहराई से जांच की जाएगी। इसका उद्देश्य भविष्य में इन प्रक्रियाओं को और अधिक सुचारु, पारदर्शी और जनहितकारी बनाना है।
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