सहारनपुर के अंबेहटा नगर पंचायत में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले का मामला सामने आया है। क्षेत्र के लोगों ने शुक्रवार को मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचकर एक शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें सरकारी योजनाओं के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। शिकायतकर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने मंडलायुक्त को दिए पत्र में नगर पंचायत पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नगर में निर्मित सीसी सड़कों, नाले-नालियों और अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहद घटिया है और ये सभी कार्य मानकों की अनदेखी कर किए गए हैं। अरोड़ा के अनुसार, सीसी सड़कों के निर्माण में पत्थर और रोड़ी का प्रयोग नहीं किया गया, बल्कि मात्र दो से तीन इंच कंक्रीट डालकर सड़कें बना दी गईं। कई स्थानों पर पुरानी इंटरलॉकिंग पर ही नई सड़क बनाने का दावा किया गया। इसी तरह, पुराने नालों पर केवल प्लास्टर करके उन्हें नया निर्माण दिखा दिया गया। उन्होंने मेन बाजार, कोटला नई बस्ती, गाडान, सफिया कॉलोनी, नकुड़ रोड, इस्लाम नगर रोड, श्रीराम कॉलोनी और पुराने बस स्टैंड सहित दर्जनों स्थानों पर घटिया निर्माण का विस्तृत ब्यौरा दिया है। आरोप है कि नालों में सरिया, दीवार और ‘तकिया’ तक मानक के अनुसार नहीं डाले गए, और कई कार्य अधूरे छोड़ दिए गए। निर्माण कार्यों के अलावा, नगर पंचायत द्वारा की गई खरीद में भी भारी अनियमितताओं का आरोप है। जनसूचना के आधार पर शिकायत में बताया गया है कि छह-सीटर मोबाइल टॉयलेट 9.74 लाख रुपये में खरीदे गए, जबकि इनकी बाजार कीमत लगभग 4 लाख रुपये है। इसी प्रकार, ई-रिक्शा 4 लाख रुपये से अधिक में, पानी का टैंकर 4 लाख रुपये में और एक फावड़ा 900 रुपये में खरीदा गया, जिसकी बाजार कीमत मात्र 300 रुपये बताई गई है। सीसीटीवी कैमरों और सफाईकर्मियों के लिए खरीदे गए उपकरणों में भी बड़े घोटाले की बात कही गई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि कई बार शिकायतें देने के बावजूद अब तक किसी भी निर्माण कार्य की जांच नहीं कराई गई है। उन्होंने मंडलायुक्त से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और संबंधित अधिकारियों, ठेकेदारों, अवर अभियंता तथा चेयरमैन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
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