उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के मलवां थाना क्षेत्र के रावतपुर गांव निवासी श्यामलाल और उनकी पत्नी शिवकली ने दर्जनों ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी बेटी राधिका के लापता होने के मामले में न्याय की मांग की। दंपति ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी राधिका का विवाह 5 जून 2025 को दीपू सिंह पुत्र राजा सिंह निवासी ग्राम बनरसी, थाना ललौली, जनपद फतेहपुर के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुआ था। उन्होंने दहेज में 2 लाख रुपये नकद, एक मोटरसाइकिल, फ्रिज, कूलर, अलमारी, वाशिंग मशीन और अन्य सामान दिया था। शिकायत के अनुसार, राधिका के ससुराल वाले (पति दीपू सिंह, ससुर राजा सिंह, सास, जेठ-जेठानी मुकेश, दिलवर सिंह और वीर सिंह) इस दहेज से संतुष्ट नहीं थे। वे 2 लाख रुपये अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहे थे और मांग पूरी न होने पर राधिका को प्रताड़ित करने लगे। पिता और भाई ने आरोप लगाया कि 4 दिसंबर 2025 की सुबह 3:00 बजे राधिका के मोबाइल नंबर से उसके भाई सौरभ सिंह के मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था ‘मुझको बचाओ ये लोग मुझे मार रहे हैं’। जब सुबह राधिका के ससुराल वाले घर पहुंचे तो राधिका लापता थी और उसका मोबाइल भी बंद था। ससुराल वालों ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। माता-पिता को आशंका है कि ससुराल वालों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर राधिका को कहीं गायब कर दिया है। पीड़ित पिता ने बताया कि उन्होंने थाना ललौली में इसकी सूचना दी थी और 5 दिसंबर 2025 को एसएसपी को भी प्रार्थना पत्र दिया था। पुलिस ने बताया है कि पति दीपू सिंह सहित ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि, परिवार का आरोप है कि 6 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने राधिका की खोजबीन में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी बेटी नहीं मिलती, वे जिलाधिकारी कार्यालय से नहीं हटेंगे। 20 वर्षीय राधिका परिवार में चार बहनों में दूसरे नंबर की हैं। उनकी अन्य बहनें विनीता, नीलम, मनीषा और तीन भाई गगन, साहिल और सौरभ हैं।
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