गिरते पारे के कारण सांस और दिल की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में ऐसे 100 से अधिक मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ न होने के कारण गंभीर मरीजों को इलाज मिलना मुश्किल हो रहा है, जिससे उन्हें रेफर करना पड़ रहा है। बुधवार को भी जिला अस्पताल की ओपीडी में इन बीमारियों से संबंधित 100 से ज्यादा मरीज पहुंचे। सर्दी बढ़ने के साथ संक्रामक रोगों के मरीज घटे हैं, लेकिन दिल और सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। एक माह पहले जहां प्रतिदिन 20 से 50 मरीज सांस की बीमारी के आते थे, वहीं अब यह संख्या 100 से अधिक हो गई है। अधिकांश मरीजों को सीने में दर्द और सांस फूलने की समस्या हो रही है। जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि ठंड में नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे सांस के मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं और ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। उन्होंने विशेषकर बुजुर्गों और पहले से बीमार मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है। इन बीमारियों के सामान्य लक्षणों में शरीर के एक तरफ के हाथ-पैर का काम न करना, सांस लेने में परेशानी, बोलने में लड़खड़ाहट, सिर में तेज दर्द और शरीर के किसी एक हिस्से में कमजोरी आना शामिल है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें ठंड से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है। घर से बाहर निकलते समय सिर, हाथ और पैरों को अच्छी तरह ढककर रखें। हृदय और ब्लड प्रेशर के मरीज सुबह घर से बाहर निकलने से बचें और नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें।
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