प्रयागराज के झूंसी में सांस्कृतिक कार्यक्रम से लौट रहे संस्कृत विद्यालय के नाबालिग छात्रों के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में छह दिन बीतने के बाद भी पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ितों का आरोप है कि घटना की लिखित शिकायत देने के बावजूद न तो मुकदमा दर्ज किया गया और न ही आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की गई। 19 दिसंबर को हुई थी घटना
श्री बज्रांग आश्रम(देवली मंदिर) देवली प्रतापपुर में है। यह आवासीय गुरुकुल भी है। संचालक धीरज याज्ञिक ने बताया कि उनके विद्यालय के छात्र 19 दिसंबर को शहर आए थे। यहां उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित प्रतिभा खोज कार्यक्रम में भाग लेने के बाद बच्चे शाम को ऑटो से आश्रम लौट रहे थे। इसी दौरान त्रिवेणीपुरम के पास जीटी रोड पर एक युवक ने धोती-कुर्ता, चंदन व शिखा देकर बटुकों पर टिप्पणी की। विरोध पर जानबूझकर उस ऑटो के अगल-बगल स्कूटी चलाने लगा, जिससे बटुक लौट रहे थे। इसी दौरान ऑटो से स्कूटी छू जाने पर युवक ने बच्चों से गालीगलौज व मारपीट की। इस दौरान कई बटुक चोटिल भी हुए। डायल 112 पर भी दी गई थी सूचना
आचार्य धीरज ने बताया, घटना के दौरान डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस आई लेकिन तब तक आरोपी आगे बढ़ गया। डायल 112 पुलिस के आने के बाद बटुक आगे बढ़े लेकिन अंदावा चौराहे के पास युवक ने अपने कई साथियों को बुला लिया। इसकी जानकारी किसी तरह बटुकों ने फोन से दी तो उन्होंने अपने आश्रम के लोगों को जानकारी दी। आश्रम के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और इसके बाद बटुक आश्रम जा सके। शिकायत के बावजूद FIR नहीं
आरोप है कि घटना के संबंध में झूंसी थाना पर लिखित शिकायत दी गई, लेकिन अब तक न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई। इससे बच्चों और उनके अभिभावकों में डर का माहौल है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी की स्कूटी पर महाराष्ट्र का पंजीकरण नंबर था। इसकी तस्वीर भी पुलिस काे दी गई। इस मामले में झूंसी थाना प्रभारी महेश मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में चौकी प्रभारी से बात कर लीजिए। उधर चौकी प्रभारी चमनगंज को कॉल किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
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