राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने अपने दो दिवसीय प्रवास में सोमवार को मातृशक्ति संगोष्ठी को संबोधित किया। मर्चेंट चैंबर हाल में आयोजित संगोष्ठी में शहर की प्रोफेसर, डॉक्टर, वकील, प्रिंसिपल और उद्यमी महिलाएं शामिल हुई। उन्होंने अपने संबोधन में महिलाओं से पर्यावरण, संस्कार और महिला सशक्तिकरण पर काम करने की बात कही। कहा कि समाज में संस्कार महिला ही दे सकती है। बताया जा रहा है कि इस तरह का कार्यक्रम शहर में पहली बार हुआ है। रोली का टीका लगाकर हुआ स्वागत शाम चार बजे शुरु होने वाले कार्यक्रम में दोपहर तीन बजे से ही महिलाओं का आना शुरु हो गया। एनसीसी कैडेट व स्वागत में लगी कार्यकर्ताओं ने रोली का टीका लगाकर आने वाली महिलाओं का स्वागत किया। संघ की यात्रा बताई दत्तात्रेय हौसबोले ने महिलाओं को संघ की स्थापना से लेकर अभी तक की यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं पर्यावरण और संस्कार देने का बेहतर काम कर सकती हैं। ऐसे में सभी को चाहिए कि वह इन दोनों क्षेत्रों पर अवश्य काम करें। इन दोनों कामों में महिलाओं का विशेष योगदान है। महिलाओं को आरएसएस की शाखाओं के बारे में बताया। साथ ही बताया कि नागपुर के पास एक स्थान पर महिलाओं के लिए भी प्रशिक्षण चलता है। कहा कि जो महिलाएं जिन क्षेत्रों में काम करना चाहती हैं वह जुड़ सकती हैं। सवाल का उत्तर दिया कार्यक्रम के दौरान एक महिला ने सवाल पूछा कि संघ में महिलाओं को उच्च पदों पर क्यों नहीं बैठाया जाता है। इस पर सर कार्यवाह ने जवाब दिया कि संघ में देर रात भी बैठकें आदि होती हैं। महिलाओं को अपना परिवार लेकर भी चलना होता है। इसलिए उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उनको ऐसे काम दिए जाते हैं, जिससे उनका पारिवारिक जीवन भी ठीक से चलता रहे। महिलाएं जुड़ी हैं वह काम भी कर रही हैं।
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