इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव कारागार को गौतम बुद्ध नगर जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सिद्ध दोष बंदी धर्मवीर की समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अचल सचदेव की खंडपीठ ने याची के अधिवक्ता को सुनकर दिया है। कोर्ट ने याची को इसके लिए 10 दिन में प्रत्यावेदन देने और प्रमुख सचिव कारागार को प्रत्यावेदन पर एक महीने के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया। अधिवक्ता ने बताया कि गाजियाबाद के मोदीनगर थाने में 21 सितंबर 2009 को हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें अपर जिला जज गाजियाबाद ने ट्रायल के बाद 13 दिसंबर 2012 को याची को आजीवन कारावास से दंडित किया। उसके बाद उच्च न्यायालय ने 10 मार्च 2017 को अपील में सजा को बरकरार रखी। एडवोकेट का कहना था कि याची लगभग 12 साल से ज्यादा सजा काट चुका है।
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