आगरा जिले के जनप्रतिनिधियों ने कमिश्नरी पुलिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। हाल ही में पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई समन्वय बैठक में कई एमएलसी-एमएलए ने पुलिस के भ्रष्ट आचरण पर सवाल उठाए थे। एक विधायक ने शांतिभंग की धारा में जेल भेजने के नाम पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप भी लगाए। बैठक में उठे मुद्दों और सुझावों के बिंदुओं को सीएम कार्यालय भेजा गया था। अब यही सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। दरअसल, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने प्रभारी मंत्री के तौर पर पिछले महीने प्रशासनिक अफसरों और जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बैठक की थी। इस बैठक के दौरान जो विषय सामने आए, उनके मिनट बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय भेजे गए थे। अब यही मिनट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। एमएलसी शिवहरे ने नए बैच के दरोगाओं को चौकी इंचार्ज न बनाने की मांग की। उनका निशाना 2023 बैच के दरोगाओं पर था। भाजपा के विधायक खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि आगरा पुलिस शांतिभंग की धारा में जेल भेजने के नाम पर अवैध वसूली कर रही है। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया ने भाजपा के मंडल अध्यक्ष से मारपीट के आरोपी थाना प्रभारी को हटाने के नाम पर डीसीपी के दूसरे थाने का चार्ज देने का मुद्दा भी उठाया था। इन गंभीर आरोपों को बैठक के दौरान तो आला अफसरों ने टाल दिया, लेकिन अब यह चर्चा का विषय बन गया है। दरोगाओं से लेकर अफसरों तक के व्हाट्सएप ग्रुपों में यह मिनट वायरल हो रहे हैं। पुलिस अपना काम कानून के अनुसार करती है। अगर किसी मामले में गलत कार्रवाई के आरोप हैं तो लोग शिकायत कर सकते हैं। इस पर जांच कराई जाएगी। साक्ष्य मिलने पर दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की जाएगी। – राम बदन सिंह, अपर पुलिस आयुक्त
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